बीजेपी के पूर्व विधायक भाई और मेयर चुनाव लड़ीं पत्नी पर भी FIR
नोएडा/Ghaziabad(यूपी)। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और सपा के फायर ब्रांड नेता आजम खां के करीबी रहे सुधन रावत के खिलाफ 3 करोड़ की धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज हुई है। सुधन रावत पर एक वकील को विला दिलाने के नाम धोखाधड़ी करने का आरोप है। इस मामले में उनके परिवार के लोगों सहित 8 लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ है।
ये है मामला
सेक्टर-35 नोएडा के रहने वाले मोहन पाल रावत पेशे से वकील हैं। वो पिछले 40 साल से हाईकोर्ट से लेकर दिल्ली,Ghaziabad और गौतमबुद्धनगर में वकालत कर रहे हैं। साल 2015 में एक केस की पैरवी के दौरान मोहन पाल की मुलाकात एक रियल एस्टेट कंपनी के कर्मचारी अमित से हुई थी। अमित ने रियल एस्टेट में निवेश के नाम पर एक व्हाट्स एप ग्रुप बनाया था। इसके बाद मोहनपाल की अमित व अन्य आरोपियों से गाजियाबाद में मुलाकात हुई और इसी दौरान एक हजार वर्गमीटर का विला लेने की बातचीत हुई। दर्ज कराई गई रिपोर्ट के मुताबिक इसके लिए आरोपियों ने पीड़ित वकील से 3 करोड़ रुपये ले लिए। रकम लेने के बाद भी काफी वक्त बीतने पर आरोपियों ने जमीन की रजिस्ट्री नहीं की। इसी बीच वकील मोहन पाल को पता चला कि जिस जमीन को लेकर बातचीत हुई थी वह नगर निगम की है।मोहनपाल ने कंपनी के निदेशक पर रकम वापस करने का दबाव बनाया तो एक चेक उन्हें दिया गया, जो बाउंस हो गया। इसके बाद वकील मोहन पाल ने मामले में रिपोर्ट दर्ज कराकर पुलिस से कार्रवाई की मांग की है।
नोएडा सेक्टर-24 में हुई FIR
थाना सेक्टर-24 नोएडा की पुलिस ने रामनरेश रावत, उनकी पत्नी विभा रावत, अंशुमान, देवेंद्र, हर्ष, पुष्पेंद्र, रेणुका, अमित और एमआर संस कंपनी के निदेशक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है।
सपा से दो बार लड़ा मेयर का चुनाव
रियल एस्टेट कारोबारी सुधन रावत Ghaziabad जिले की राजनीति में नामचीन लोगों में शुमार होते हैं। हालाकि वो मेयर से लेकर विधायकी तक के चुनावों में हाथ आजमा चुके हैं, मगर कभी उन्हें जीत का स्वाद चखने को नहीं मिली। दो बार समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में वो मेयर का भी चुनाव लड़ चुके हैं। सपा में उनकी बैंठ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके चुनाव में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से लेकर सपा के फायर प्रांड नेता आजम खां तक प्रचार के लिए आ चुके हैं। उनके साथ कई जगह पर सुधन रावत भी मंच साझा कर चुके हैं।
बसपा से भी रहा नाता
समाजवादी पार्टी में लंबी पारी खेलने वाले सुधन रावत एक चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर बीएसपी से Ghaziabad की मुरादनगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। इसी दौरान उन्हें सपा से पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। लेकिन पिछले चुनाव में वे दौबारा सपा में शामिल हुए और चुनाव लड़े।
परिवार का बीजेपी कनेक्शन
सुधन रावत के बड़े भाई राम नरेश रावत बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं में हैं। पहले Ghaziabad मगर अब हापुड़ जिले की गढ़ विधानसभा सीट से सुधन के भाई रामनरेश विधायक रहे हैं। जबकि उनका छोटा भाई पुष्पेंद्र रावत भी बीजेपी में है। पिछले दिनों पुष्पेंद्र ने बीजेपी से मोदीनगर विधानसभा सीट से टिकट मांगा था, मगर नहीं मिला।
शराब-कैमिकल, एजुकेशन का भी कारोबारी
बताते हैं कि सुधन रावत का परिवार शराब और एजुकेशन के व्यवसाय से भी जुड़ा है। मोदीनगर-हापुड़ रोड पर ईशापुर गांव के पास इनकी एक शराब फैक्ट्री है। इसके अलावा दुहाई में मनन धाम के पास इस परिवार की कैमिकल फैक्ट्री भी है, जो फिलहाल बंद है। सुधन रावत ने हाल ही में एक बड़ा स्कूल भी खोला है जो मेरठ रोड पर दुहाई में ही एचआर यूनिवर्सिटी के पीछे है।
रियल स्टेट कारोबारी भी हैं सुधन रावत
करीब एक दशक से ज्यादा समय से जिले की राजनीति में सक्रिय रहने वाले सुधन रावत इतने ही वक्त से रियल स्टेट के कारोबार से जुड़े रहे हैं। Ghaziabad के राजेंद्र नगर एक्सटेंशन में उनके कई प्रोजेक्ट हैं। जहां कई प्रोजेक्ट्स तैयार हैं, वहीं कई प्रोजेक्ट्स निर्माणाधीन भी हैं।
परिवार का ईंट भट्टों का था कारोबार
सुदन रावत के पिता मांगेराम रावत मूल रूप से साहिबाबाद के भौपुरा के निकट सिकंदरपुर गांव के रहने वाले हैं। उसी दौरान उनका ईंट भट्टों का कारोबार था। उसी कारोबार के साथ-साथ इस परिवार ने अपने कारोबार को रीयल स्टेट के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी बढ़ा लिया।
दो भाई-पत्नी भी आरोपी
तीन करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में अकेले सुधन रावत ही आरोपी नहीं हैं बल्कि उनके बड़े भाई जो बीजेपी के वरिष्ठ नेता और गढ़ विधायसभा सीट के पूर्व विधायक हैं भी आरोपी हैं। इनके अलावा सुधन के छोटे भाई पुष्पेंद्र जो बीजेपी नेता है को भी आरोपी बनाया गया है। इनके अलावा सुधन रावत की पत्नी विभा रावत जो मेयर का चुनाव लड़ चुकी हैं वो भी इस केस में आरोपी हैं।