कहानी की शुरुआत तब हुई, जब चीफ इंजीनियर ने शेयर ट्रेडिंग के लिए एक कंपनी से संपर्क किया और निवेश किया। इसके बाद उन्हें लगातार 53 प्रतिशत मुनाफे की जानकारी दी गई, जिससे वह आकर्षित हो गए। लेकिन जब इंजीनियर ने दिल्ली स्थित असली कंपनी में जाकर जांच की, तो पता चला कि उनके साथ ठगी की गई है। असली कंपनी ने उन्हें बताया कि ऐसा कोई निवेश और मुनाफा नहीं था, और सब कुछ एक धोखाधड़ी थी।
गाजियाबाद साइबर थाने में दर्ज हुई एफआईआर
फ्रॉड का खुलासा होने के बाद, मर्चेंट नेवी के चीफ इंजीनियर ने गाजियाबाद के साइबर थाने में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एफआईआर दर्ज की और जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ठगों की पहचान और उन्हें पकड़ने के लिए टीम गठित की गई है।
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यह मामला साइबर ठगी की बढ़ती घटनाओं को दर्शाता है, खासकर ऑनलाइन निवेश और शेयर ट्रेडिंग के नाम पर। पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि वे ऐसे धोखाधड़ी के मामलों से बचने के लिए किसी भी ऑनलाइन निवेश के प्रस्ताव से पहले पूरी जांच पड़ताल करें और विश्वास योग्य स्रोतों से ही संपर्क करें।