Ghaziabad News : भले ही गाजियाबाद तकनीकी दृष्टि से हाइटेक सुविधाओं और विकास में दिन-ब-दिन तरक्की कर रहा हो, लेकिन धरातल पर अभी भी प्रशासन की लापरवाही के मामले सामने आ रहे हैं। एक ऐसा ही शर्मनाक मामला सामने आया है, जिसमें एक लावारिस शव को ठेले पर ले जाया गया, और यह घटना प्रशासनिक उदासीनता की पोल खोलती है।
लावारिस शव को नहीं मिली एंबुलेंस
गाजियाबाद के हिंडन नदी के पास स्थित पोस्टमार्टम हाउस से एक लावारिस शव को ठेले पर ले जाया जा रहा था। यह शव न तो कफन से ढका था और न ही एक स्वच्छ कपड़ा दिया गया था। दो व्यक्ति उस शव को ठेले पर ले जाते हुए दिखे, और वह शव न केवल साफ-सफाई से वंचित था, बल्कि उसे मानवीय गरिमा का भी ख्याल नहीं रखा गया था। यह दृश्य मानवता को शर्मसार करता है, क्योंकि प्रशासन ने इस शव को अंतिम संस्कार के लिए ठेले पर भेज दिया, जबकि उसे एक एंबुलेंस तक मुहैया नहीं कराई गई थी।
प्रशासन की लापरवाही पर उठे सवाल
यह दृश्य प्रशासन की लापरवाही को उजागर करता है, जो अपनी जिम्मेदारी को नजरअंदाज कर रहा है। क्या एक लावारिस शव को भी सम्मानजनक तरीके से अंतिम संस्कार के लिए नहीं भेजा जा सकता? क्या इसके लिए प्रशासनिक अधिकारियों की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती? सवाल उठता है कि जब गाजियाबाद जैसे हाइटेक शहर में, जहाँ हर तकनीकी सुविधा उपलब्ध है, वहां इस प्रकार की घटनाएं घटित हो रही हैं, तो फिर क्या हम वास्तव में प्रगति कर रहे हैं?
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इस घटना ने प्रशासन के लिए गंभीर सवाल खड़े किए हैं, और यह साफ करता है कि सुविधाओं का प्रचार-प्रसार तो है, लेकिन धरातल पर उन सुविधाओं का सही उपयोग और मानवता के प्रति संवेदनशीलता की कमी है। यह घटना गाजियाबाद प्रशासन के लिए एक कड़ी चेतावनी है, ताकि वे अपनी जिम्मेदारियों को सही तरीके से निभाए और इस प्रकार की घटनाओं को भविष्य में न होने दे।