Ghaziabad : गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन (जीपीए) का पिछले 8 महीनों से गरीब बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के तहत दाखिलों के लिए संघर्ष जारी है।
आधा शिक्षा सत्र बीत जाने के बावजूद आरटीई के तहत 40% बच्चों का दाखिला अभी भी अधूरा है। इसी मुद्दे को लेकर जीपीए ने एक बार फिर बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) कार्यालय पर प्रदर्शन किया और बीएसए को ज्ञापन सौंपा।
आरटीई के तहत बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन
जीपीए के सचिव अनिल सिंह और आरटीई प्रभारी धर्मेंद्र यादव ने जानकारी दी कि निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 12(1)(ग) के अंतर्गत चयनित बच्चों का दाखिला स्कूलों में कराना राज्य सरकार, जिला प्रशासन, और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की जिम्मेदारी है। इसके बावजूद अभिभावक अपने बच्चों के दाखिलों के लिए स्कूलों और बीएसए कार्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर हैं।
स्कूलों द्वारा दाखिले में आनाकानी
जीपीए ने बताया कि कई स्कूलों द्वारा सीटें फुल होने का बहाना बनाकर बच्चों के दाखिलों से इनकार किया जा रहा है, जबकि प्रत्येक बच्चे का चयन संवैधानिक प्रक्रिया से किया गया है। पिछले सात महीनों में 8 से अधिक ज्ञापन बीएसए को सौंपे जा चुके हैं, फिर भी समाधान नहीं हुआ।
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गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने बीएसए से पुनः अनुरोध किया है कि आरटीई अधिनियम 2009 के अंतर्गत समस्त चयनित बच्चों का तत्काल प्रभाव से दाखिला सुनिश्चित कर उनकी शिक्षा शुरू कराई जाए। इस मौके पर धर्मेंद्र यादव, पवन शर्मा, नरेश कुमार, विकास मावी सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे।