Greater Noida: ग्रेटर नोएडा वेस्ट और गाजियाबाद में रोजाना होने वाली जाम की समस्या से जल्द ही छुटकारा मिलने की उम्मीद है। सरकार ने इस समस्या को हल करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अब गाजियाबाद से ग्रेटर नोएडा वेस्ट तक गाड़ियों के आवागमन को सुगम बनाने के लिए 4 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड रोड बनाया जाएगा।
प्रस्ताव को मिली मंजूरी
सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट (CRRI) ने हाल ही में ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को अपनी रिपोर्ट सौंपी, जिसमें फ्लाईओवर की बजाय एलिवेटेड रोड बनाने की सिफारिश की गई। इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। यह एलिवेटेड रोड इटादान राउंडअबाउट और ABES कॉलेज के बीच बनाया जाएगा। रोड की चौड़ाई 14 से 16 मीटर होगी, जिससे चार लेन की गाड़ियां आसानी से गुजर सकेंगी।
जाम की समस्या से मिलेगी राहत
ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) वेस्ट में ट्रैफिक जाम का मुख्य कारण गाजियाबाद से आने वाली गाड़ियां हैं। शाहबेरी और क्रॉसिंग रिपब्लिक जैसे इलाकों में सुबह और शाम के वक्त घंटों तक ट्रैफिक जाम देखा जाता है। नया एलिवेटेड रोड बनने के बाद यह समस्या काफी हद तक हल हो जाएगी।
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नोएडा एयरपोर्ट (Greater Noida) के शुरू होने के बाद गाड़ियों की संख्या में भारी वृद्धि होने की संभावना है। फिलहाल गाजियाबाद में क्रॉसिंग रिपब्लिक क्षेत्र से हर दिन 10,000 से अधिक गाड़ियां गुजरती हैं। अधिकारियों का मानना है कि एयरपोर्ट चालू होने के बाद यह संख्या कई गुना बढ़ जाएगी। इसी के मद्देनजर इस एलिवेटेड रोड का निर्माण समय रहते शुरू किया जा रहा है।
डिजाइन पर काम जारी
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने रोड के डिजाइन को और बेहतर बनाने के लिए एक अतिरिक्त रिपोर्ट भी मांगी है। इस रिपोर्ट के आधार पर निर्माण कार्य को जल्द ही शुरू किया जाएगा। एलिवेटेड रोड की कुल लंबाई 4 किलोमीटर होगी। यह गाजियाबाद के एनएच-9 को ग्रेटर नोएडा वेस्ट से जोड़ेगा। इसकी संरचना इस तरह से तैयार की जाएगी कि भविष्य में भी ट्रैफिक के दबाव को संभाल सके।
एलिवेटेड रोड बनने के बाद गाजियाबाद से ग्रेटर नोएडा वेस्ट का सफर न केवल सुगम होगा, बल्कि यात्रा का समय भी काफी कम हो जाएगा। यह परियोजना दोनों शहरों के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत बनाएगी और लोगों को जाम से राहत दिलाएगी। सरकार और प्राधिकरण का यह प्रयास क्षेत्र के निवासियों और यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आएगा। अब सभी की निगाहें इस महत्वाकांक्षी परियोजना के निर्माण पर टिकी हैं।