Ghaziabad : गाजियाबाद में प्रदूषण की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है, और हाल ही में यह दिल्ली से भी ज्यादा प्रदूषित हो गया। बृहस्पतिवार को गाजियाबाद को देश के दूसरे सबसे प्रदूषित शहर के रूप में माना गया, जहाँ वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 332 दर्ज किया गया। यह आंकड़ा गंभीर चिंता का विषय है क्योंकि हवा में दिनभर धुंध छाई रही और वातावरण में नमी के कारण प्रदूषण स्तर में वृद्धि की सूचना दी गई।
ग्रेप 3 की पाबंदियां फिर से लागू
प्रदूषण नियंत्रण को लेकर अधिकारियों के तमाम दावों के बावजूद स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा है। अधिकारी व तमाम विभाग प्रदूषण रोकने के लिए केवल खानापूर्ति करते नजर आ रहे हैं। इसी कारण गाजियाबाद को ग्रेड 3 की पाबंदियों के तहत रखा गया है, जो हवा में प्रदूषण बढ़ने पर फिर से लागू की गई हैं। इस दौरान दिल्ली ने 357 के AQI के साथ देश में सबसे प्रदूषित शहर होने का रिकॉर्ड कायम किया। गाजियाबाद में वर्तमान में ग्रेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का दूसरा चरण लागू है, लेकिन हालात में सुधार के बजाय लगातार बिगड़ते जा रहे हैं।
आवश्यक कदम उठाने का समय
स्थानीय लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि यदि प्रदूषण का स्तर इसी तरह बढ़ता रहा, तो हवा गंभीर श्रेणी में पहुंच जाएगी और सांस लेना भी मुश्किल हो जाएगा। लोगों का कहना है कि अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह समस्या और विकराल रूप ले सकती है। उन्होंने अधिकारियों से अपील की है कि वे प्रदूषण कम करने के लिए अधिक प्रभावी कदम उठाएं, ताकि लोगों को साफ हवा मिल सके।
वायु में नमी को प्रदूषण का कारण मानते हैं अधिकारी
अधिकारियों का कहना है कि प्रदूषण के बढ़ने का कारण वायु में नमी है, जो प्रदूषण को एकत्रित करने में मदद करती है। हालांकि, यह समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो सकता और अधिकारियों को प्रदूषण पर काबू पाने के लिए ठोस उपायों की आवश्यकता है।
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गाजियाबाद में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ने से क्षेत्रीय स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है। ऐसे में अधिकारियों को अपने दावों को जमीन पर उतारने और नागरिकों को राहत देने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।