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गाजियाबाद: डासना देवी मंदिर के महंत के बयान पर विवाद, मुस्लिम समाज में रोष, विरोध प्रदर्शन जारी

Yati Narsinghanand Controversy: गाजियाबाद में डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिम्हानंद सरस्वती द्वारा दिए गए विवादित बयान के बाद से मुस्लिम समाज में गहरा रोष व्याप्त हो गया है। महंत के बयान के वायरल होने के बाद जिले के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। मुस्लिम समाज के लोग महंत की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं, जबकि राजनैतिक दलों के नेता भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देकर राजनीतिक फुटेज बटोरने की होड़ में शामिल हो गए हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यदि महंत को जल्द से जल्द गिरफ्तार नहीं किया गया, तो यह विरोध एक बड़े आंदोलन का रूप ले सकता है।

महंत के बयान के बाद विरोध प्रदर्शन की शुरुआत

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महंत Yati Narsinghanand सरस्वती ने 29 सितंबर को एक कार्यक्रम में विवादित बयान दिया, जिसके बाद यह मामला धीरे-धीरे तूल पकड़ने लगा। गाजियाबाद के डासना मंदिर के आस-पास रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इस बयान को आपत्तिजनक बताते हुए इसका जोरदार विरोध किया। पुलिस ने प्रारंभिक दौर में प्रदर्शनकारियों को समझा-बुझाकर वापस भेज दिया, लेकिन अगले दिन जैसे ही सूरज निकला, विरोध प्रदर्शन का सिलसिला फिर से शुरू हो गया।

डासना मंदिर के आसपास के इलाकों में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। कई जगहों पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोका और समझा-बुझाकर वापस भेज दिया, लेकिन प्रदर्शनकारी अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं।

प्रशासन के सामने ज्ञापन सौंपा, महंत की गिरफ्तारी की मांग

मुस्लिम समाज के लोगों ने महंत Yati Narsinghanand के बयान के खिलाफ कड़ा विरोध जताते हुए जिले के डीएम और कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने महंत की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की मांग की है। ज्ञापन में कहा गया है कि महंत का बयान न केवल धार्मिक भावनाओं को आहत करता है, बल्कि समाज में अशांति और वैमनस्य फैलाने वाला है।

मुस्लिम समाज के प्रदर्शनकारी कई स्थानों पर एकत्र हुए और पुलिस से उनकी मांगों को तुरंत पूरा करने का आग्रह किया। कुछ इलाकों में लोगों ने डीएम से मिलने और ज्ञापन सौंपने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने एहतियातन उन्हें रोक दिया।

राजनीतिक दलों ने भी दिखाई सक्रियता

महंत Yati Narsinghanand के बयान पर राजनीतिक दल भी पीछे नहीं रहे। आजाद समाज पार्टी के नेता सतपाल चौधरी ने महंत के बयान की कड़ी निंदा की और प्रशासन से महंत के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। चौधरी ने कहा कि ऐसे बयान समाज में तनाव और विभाजन को बढ़ावा देते हैं, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

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सतपाल चौधरी ने जिला प्रशासन के एडिशनल कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा और कहा कि यदि महंत के खिलाफ त्वरित कार्रवाई नहीं की गई, तो उनका दल एक बड़े स्तर पर आंदोलन करेगा।

बीएसपी से निष्कासित नेता भी उतरे विरोध में

बसपा से निष्कासित नेता और सामाजिक कार्यकर्ता रवि गौतम भी महंत यति नरसिम्हानंद सरस्वती के बयान के खिलाफ सड़कों पर उतरे। गौतम ने अपने बयान में कहा कि महंत के बयान से मुस्लिम समाज में गहरी नाराजगी है, और यह बयान कानून व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती बन सकता है। उन्होंने पुलिस से तुरंत महंत की गिरफ्तारी की मांग की और चेतावनी दी कि अगर ऐसा नहीं हुआ, तो वह एक बड़े आंदोलन का आह्वान करेंगे।

पुलिस ने की एफआईआर दर्ज, गिरफ्तारी पर नजर

महंत के बयान के खिलाफ बढ़ते विरोध को देखते हुए गाजियाबाद पुलिस ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। हालांकि, अब तक महंत की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच चल रही है और उचित कार्रवाई की जाएगी।

मुस्लिम समाज के प्रदर्शनकारी लगातार प्रशासन पर दबाव बना रहे हैं कि महंत को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए, ताकि शांति और सौहार्द कायम रह सके। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पुलिस इस मामले में कितनी तेजी से कार्रवाई करती है और महंत को कब तक गिरफ्तार किया जा सकेगा।

इस पूरे मामले से गाजियाबाद और आसपास के जिलों में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है, और प्रशासन की नजर इस पर लगातार बनी हुई है।

 

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