Ghazipur platform collapsed: गाजीपुर रेलवे स्टेशन की हालत इन दिनों बद से बदतर हो चुकी है। प्लेटफॉर्म नंबर 2 पर लगाया गया ग्रेनाइट टूट-फूट गया है और कई जगहों पर जमीन धंस गई है। इससे यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जब इस मामले की शिकायत हुई तो गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी ने खुद स्टेशन का दौरा किया। निरीक्षण के दौरान जब उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि आखिर प्लेटफॉर्म क्यों धंस रहा है, तो जवाब आया कि “साहब, इसे चूहों ने कुतर दिया है।”
यह जवाब सुनकर न सिर्फ सांसद, बल्कि आसपास खड़े लोग भी हैरान रह गए। अफजाल अंसारी ने इसे निर्माण में गंभीर गड़बड़ी का नतीजा बताया। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर वाकई चूहे इतनी बड़ी क्षति कर रहे हैं, तो रेलवे ने उन्हें रोकने के लिए क्या कदम उठाए हैं? अधिकारियों के पास इसका कोई संतोषजनक जवाब नहीं था।
इस मुद्दे को सांसद Ghazipur ने बनारस में हुई रेलवे सलाहकार बोर्ड की बैठक में भी उठाया। बैठक में पूर्वांचल के करीब 32 सांसद मौजूद थे। गाजीपुर सांसद ने रेलवे के निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए, खासकर स्टेशन पर लगाए गए ग्रेनाइट को लेकर। इस पर रेलवे के महाप्रबंधक और डीआरएम ने तुरंत एक जांच कमेटी गठित की, जिसकी अगुवाई एडीआरएम कर रहे थे। टीम ने अगले ही दिन गाजीपुर पहुंचकर स्थल का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान चूहों वाली बात फिर दोहराई गई, जिससे सांसद ने इसे लीपापोती की कोशिश करार दिया। उन्होंने कहा कि रेलवे जिन ग्रेनाइट को भूकंपरोधी और सौ साल तक टिकाऊ बता रहा है, वो चूहों से खराब हो जाएं, ये कैसे संभव है?
इस बीच Ghazipur स्टेशन पर बने नए गेस्ट हाउस की हालत ने और सवाल खड़े कर दिए। करोड़ों की लागत से बने इस गेस्ट हाउस का उद्घाटन कुछ महीने पहले किया जा चुका है, लेकिन निरीक्षण के दौरान यह ताले में बंद मिला। जानकारी मिली कि अभी तक इसे संबंधित एजेंसी ने रेलवे को हैंडओवर ही नहीं किया है।
संपूर्ण घटनाक्रम ने रेलवे के निर्माण कार्यों में भारी अनियमितताओं और लापरवाही की पोल खोल दी है, जिससे यात्रियों की सुरक्षा भी खतरे में है।