Ghazipur: समाजवादी पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी ने हाल ही में मीडिया से बातचीत के दौरान विवादास्पद बयान दिया, जिसमें उन्होंने गांजा को कानूनी मान्यता देने की वकालत की। उन्होंने तर्क दिया कि गांजा को धार्मिक रूप से भगवान का प्रसाद माना जाता है, तो इसे अवैध क्यों ठहराया जा रहा है।
उन्होंने सरकार पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि कुंभ मेले में एक मालगाड़ी भर गांजा चले जाए, तो खप जाएगा, क्योंकि साधु-संत और समाज के कई लोग इसे बड़े शौक से सेवन करते हैं। उनका मानना है कि इसे कानूनी मान्यता मिलनी चाहिए।
उत्तर प्रदेश में हो रहे एनकाउंटरों पर टिप्पणी करते हुए, अफजाल अंसारी ने कहा कि वह कार्रवाई के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि उनका उद्देश्य है कि कार्रवाई निष्पक्ष और कानूनी हो। उन्होंने कहा कि कानून किसी को मनगढ़ंत कहानी बनाकर मारने की अनुमति नहीं देता। एनकाउंटर को जातिगत दृष्टिकोण से देखने की बजाय कानून सम्मत तरीके से देखा जाना चाहिए, क्योंकि जनता भी ऐसी कार्रवाई को उचित नहीं मानती।
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शराब तस्करी (Ghazipur) पर बात करते हुए अफजाल ने मुख्यमंत्री से नई शराब की दुकानों को बंद करने की मांग की। उन्होंने सवाल किया कि किस धर्म में शराब की दुकानों के विस्तार का समर्थन किया गया है।
वहीं गांजा को लेकर उन्होंने कहा कि यह कानूनी रूप से अवैध है, परंतु धार्मिक आयोजनों में लोग इसे खुलेआम पीते हैं। भांग और गांजा को भगवान का प्रसाद कहकर सेवन किया जाता है, तो फिर इसे अवैध क्यों माना जाता है? उन्होंने इस पर दोहरी नीति का आरोप लगाया।
दुकानदारों की नेम प्लेट पर बोलते हुए उन्होंने इसका समर्थन किया, लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकार देश के 10 सबसे बड़े बीफ निर्यातकों के नाम भी सार्वजनिक करे। तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद विवाद पर उन्होंने इसे जानबूझकर उठाया गया प्रोपेगंडा बताया, ताकि इसका ठेका गुजरात को दिया जा सके।