kanpur News: भारत के छोटे शहरों के विश्वविद्यालय अब दुनिया भर में अपनी पहचान बना रहे हैं। बड़े शहरों के मुकाबले इन शहरों के शिक्षण संस्थान अब अपनी गुणवत्ता, नवाचार और शोध के कारण ग्लोबल स्तर पर चर्चा में आ रहे हैं। यह एक नया बदलाव है। जहां टियर 2 और टियर 3 शहरों के विश्वविद्यालय भी अब अपनी सफलता की कहानी लिख रहे हैं। global education map पर अब नए नाम उभर कर आ रहे हैं।
ये नाम हैं बड़े शहरों के मुकाबले भारत के छोटे शहरों के। यहां के विश्वविद्यालय अब वैश्विक संस्थानों में अपनी पहुंच बना रहे हैं। यह एक बदलाव की प्रकिया है जो पिछले कुछ सालों में देखी जा सकती है। प्रो. विनय कुमार पाठक मंगलवार को लंदन में दुनिया भर के शिक्षाविदों के साथ संवाद कर रहे थे।
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लंदन में India UK Roundtable का हुआ आयोजन
“India UK Roundtable” के वैश्विक प्लेटफॉर्म पर आयोजित इस कार्यक्रम में प्रो विनय कुमार पाठक दुनिया के चुंनिदा शिक्षाविदों में शामिल हुए हैं। प्रो. पाठक ने भारतीय विश्वविद्यालयों का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा कि टियर 2 और टियर 3 शहरों में उच्च शिक्षण संस्थान भारत में पुराने समय से देखे जा सकते हैं। इसके लिए दुनिया को भारतीय सभ्यता के अतीत में जाकर देखना होगा। हमारे नालंदा, तक्षशिला, विक्रमशिला, वल्लभी समेत नामी गिरामी संस्थान किन शहरों से निकल कर आते हैं। यह सहजता से देखा जा सकता है। यहां तक कि वर्तमान समय में दुनिया की नामी गिरामी शख्सियत जो भारत के टियर 2 एवं टियर 3 शहरों से पढ़कर निकले है वह पूरी पीढ़ी को एक नई दिशा दे रहे हैं।
टियर 2 एवं टियर 3 शहरों की तरफ रुखकर रहे संस्थान
प्रो. पाठक ने कहा कि नए IIT, IIM, Medical के संस्थान भी अब टियर 2 एवं टियर 3 शहरों की तरफ रुख कर रहे हैं। ऐसे में इन शहरों के पास अपने को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने की संभावना बहुत अधिक है। अपने रिसर्च, इनोवेशन औरquality education से यहां के संस्थान अधिक से अधिक ग्लोबल रीच हासिल कर सकते हैं।
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Startup में भी असरदार
प्रो. पाठक ने कहा कि fintech के क्षेत्र में जयपुर, Agritech में पटना,foodtech में कोच्चि, e-commerce में इंदौर के नए Startup ने दुनिया भर के निवेशकों को आकर्षित किया है। अभी के समय में यह एक शुरुआत है। वह इस दिशा में और नए अवसर प्रदान करेगा क्योंकि टियर 2 और टियर 3 शहरों में शिक्षा को लेकर advance माहौल बनता जा रहा है।