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Tuesday, April 22, 2025
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दिल्ली में सोने की कीमत ₹1 लाख के पार, MCX पर ₹99,178 तक पहुंचा रिकॉर्ड स्तर

Gold Price 2025: 22 अप्रैल 2025 को दिल्ली के बाजारों में सोने ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। 24 कैरेट सोने की रिटेल कीमत ₹1,00,000 प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गई, जो अब तक की सबसे ऊंची दर है। इस ऐतिहासिक उछाल के पीछे वैश्विक और घरेलू दोनों ही कारकों का बड़ा योगदान रहा। वहीं, मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर जून 2025 वायदा अनुबंध के तहत सोना ₹99,178 प्रति 10 ग्राम तक चढ़ा। दोपहर 2 बजे के आसपास MCX पर सोने की कीमत ₹98,883 दर्ज की गई। इस तेजी का मुख्य कारण अंतरराष्ट्रीय तनाव, डॉलर में गिरावट और भारतीय बाजार में बढ़ती मांग है। बढ़ती कीमतें आम उपभोक्ताओं और निवेशकों दोनों के लिए नई चिंता लेकर आई हैं।

कीमतों में तेजी की वजहें:

  • वैश्विक अस्थिरता और अमेरिका-चीन विवाद
  • डॉलर इंडेक्स में गिरावट
  • फेडरल रिजर्व की संभावित ब्याज दर कटौती
  • अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्पॉट गोल्ड $3,494.66 प्रति औंस तक पहुंचा
  • भारत में शादी और त्योहारों के कारण मांग में तेजी

गोल्ड को सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है, और जब आर्थिक या भू-राजनीतिक स्थितियां अस्थिर होती हैं, तब इसकी कीमतों में उछाल आम बात होती है।

MCX और रिटेल बाजार की स्थिति:

  • MCX पर जून फ्यूचर ₹98,753 पर खुला
  • दिन में बढ़कर ₹99,178 पर पहुंचा
  • 12:47 बजे तक ₹98,883 रिकॉर्ड किया गया
  • दिल्ली में 24 कैरेट सोना ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम
  • 22 कैरेट सोना ₹91,800 प्रति 10 ग्राम
  • इन दरों में GST और मेकिंग चार्ज शामिल हैं

शादी की तैयारियों में लगे लोगों के लिए यह अचानक बढ़ोतरी चिंता का कारण बन गई है।

विशेषज्ञों की राय:

विश्लेषकों के अनुसार, अगर मौजूदा वैश्विक तनाव जारी रहता है, तो Gold की कीमतें और भी ऊपर जा सकती हैं। हालांकि कुछ समय के लिए कीमतों में हल्का सुधार भी संभव है। निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे बाजार में उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए सतर्कता से निवेश करें।

खरीदारों के लिए सुझाव:

  • BIS हॉलमार्क वाला सोना ही खरीदें
  • अलग-अलग ज्वैलर्स से कीमत की तुलना करें
  • डिजिटल गोल्ड और ETF को विकल्प के रूप में देखें
  • बाजार जोखिमों को समझकर ही निवेश करें

भविष्य की स्थिति:

इस वर्ष अब तक Gold की कीमतों में 26% तक की वृद्धि हो चुकी है। विशेषज्ञों के मुताबिक यदि अंतरराष्ट्रीय हालात नहीं सुधरे, तो कीमतें और बढ़ सकती हैं। लेकिन अगर डॉलर मजबूत होता है या तनाव घटता है, तो दाम गिर भी सकते हैं।

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