दो तरह के लैंड यूज का प्रावधान
इसमें दो तरह के लैंड यूज प्रावधान किए गए हैं। एक मल्टीपल लैंड यूज इंडस्ट्री और दूसरा मल्टीपल लैंड-हॉस्पिटैलिटी मल्टीपल लैंड यूज इंडस्ट्रियल। इसके लिए सेक्टर 8ए, सेक्टर 8बी, सेक्टर 8सी, सेक्टर 8डी और सेक्टर 8ई घोषित किए गए हैं। मल्टीपल यूज हॉस्पिटैलिटी के लिए सेक्टर जी 23 ई की योजना बनाई गई है। इन सेक्टरों में मल्टीपल लैंड यूज इंडस्ट्री में 70 फीसदी क्षेत्र में इंडस्ट्री बनानी होगी। 12 फीसदी क्षेत्र रिहायशी और 13 फीसदी क्षेत्र कमर्शियल होगा। पांच फीसदी क्षेत्र संस्थागत होगा।
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20 फीसदी क्षेत्र रिहायशी और संस्थागत के लिए रहेगा
जबकि मल्टीपल लैंड यूज का इस्तेमाल हॉस्पिटैलिटी के लिए कोर एक्टिविटी के लिए किया जाएगा। इस तरह 20 प्रतिशत क्षेत्र आवासीय और संस्थागत के लिए होगा। पांच प्रतिशत क्षेत्र संस्थागत के लिए होगा। ऐसे क्षेत्र में बड़े पैमाने पर उद्योग स्थापित किए जाएंगे और इसमें यह भी सुविधा होगी कि उद्योगपतियों को अपने औद्योगिक आवास परिसर में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए आवास की सुविधा उपलब्ध करानी होगी।
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