राहुल शर्मा
IAS-IPS के बेहतर रिकॉर्ड की वजह से उच्चाधिकारी भी रहे बेपरवाह
Lucknow(यूपी)। हरियाणा से जुड़ा एक आमिर खान की फिल्म का डायलॉग म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं के आपने सुना ही होगा। शायद उसी डायलॉग को दिमाग में रखकर यूपी सरकार के उच्चाधिकारियों ने हरियाणा की दो छोरियों आईएएस मोनिका रानी और आईपीएस वृंदा शुल्का पर यकीन करके बहराइच मामले को हल्के में ले लिया और उसका नतीजा रहा कि मामूली से विवाद ने हिंसा का रूप ले लिया। सरकार की किरकिरी हुई और विपक्ष को हथियार मिल गया। ये बात तो शीशे की तरह साफ हो गई है कि बहराइच में हुई हिंसा पुलिस और प्रशासनिक अमले की लापरवाही और बेपरवाही का नतीजा रही। इसे भी कोई झुठला नहीं सकता है कि लखनऊ में बैठे उच्चाधिकारियों ने भी सीएम योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देशों के बावजूद बेपरवाही दिखाई। फैसले लेने में कोताही बरती, वरना घटना इस कदर भयावह नहीं होती। जाहिर है कि जिले में उच्च पदों पर तैनात दो महिलाओं डीएम मोनिका रानी और एसपी वृंदा शुक्ला के पुराने ट्रेक रिकॉर्ड पर यकीन करके उच्चाधिकारियों ने भी सीएम की सख्ती के बावजूद बेपरवाही दिखाई और जरा सा विवाद इतनी बड़ी हिंसा का रूप ले गया। जाहिर है कि उच्च पदों पर बैठकर जिले की कमान संभानले वाली दोनों महिला अफसर यदि सजग रहतीं तो निचले स्तर के पुलिस और प्रशासनिक अफसर बेपरवाह और लापरवाह नहीं होते और न होता इतना बड़ा बवाल जिसकी वजह से विपक्ष को योगी सरकार और यूपी की पूरी सरकारी मशीनरी पर हमले करने का मौका मिलता।
ये हैं आईएएस मोनिका रानी
मोनिका रानी 2011 बैच की IAS हैं। upsc (सिविल सेवा परीक्षा) 2010 में उन्होंने all india में 70वीं रैंक हासिल की थी। 29 साल की उम्र में UPSC क्रैक किया। वह गुरुग्राम, हरियाणा की रहने वाली हैं। 2005 में उनकी शादी हुई। दिल्ली के सरकारी स्कूल में वह टीचर बनीं। पढ़ाई जारी रखी और IAS बन गईं।
आईएएस मोनिका रानी ने B-com और MA इकोनामिक्स की डिग्री हासिल की है।
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यहां रही हैं तैनात
बहराइच में DM से पहले वह गौतमबुद्ध नगर जिले में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण तैनात रही हैं। इसके अलावा लखनऊ, गाजियाबाद, चित्रकूट और सहारनपुर जिले में भी अलग-अलग पदों पर रहकर काम कर चुकी हैं।
ये हैं IPS वृंदा शुक्ला
वृंदा शुल्का पंचकूला, हरियाणा की रहने वाली हैं। वह 2014 बैच की IPS अधिकारी हैं। उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में UPSC सिविल सेवा परीक्षा पास की थी। उनका चयन IPS के लिए हुआ। पहले उन्हें नागालैंड कैडर मिला था, लेकिन 2022 में कैडर बदलकर यूपी कर दिया गया। उनके पति अंकुर अग्रवाल भी यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं।
लंदन से की पढ़ाई
वृंदा शुल्का की शुरुआती पढ़ाई हरियाणा के कार्मेल कॉन्वेंट और कॉन्वेंट ऑफ जीजस एंड मैरी स्कूल से हुई। इसके बाद उन्होंने पुणे के महिंद्रा यूनाइटेड वर्ल्ड कॉलेज ऑफ इंडिया से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए लंदन चली गईं। उन्होंने लंदन के स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड सोशल साइंस से BA (अर्थशास्त्र, अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन, फ्रेंच साहित्य) की डिग्री हासिल की।