Kanpur News: KDA VC के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी, 16 दिसंबर को सुनवाई, जानें पूरा मामला
कैसे होती है क्रत्रिम बारिश और कितना आता है खर्च?
आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों ने बताया कि जब कहीं पर कृत्रिम बारिश कराई जाती है तो वहां पर ड्रोन सिस्टम का प्रयोग नहीं किया जाता है। बल्कि ड्रोन सिस्टम के स्थान पर अमेरिका से मंगाए गए सेना के विमान से यह वर्षा कराई जाती है। एक बार में बारिश करने पर जहां 100 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में लगभग एक करोड़ रुपए का खर्च आता है। वहीं, वर्षा कराए जाने के लिए सबसे ज्यादा वहां पर बादलों की मौजूदगी भी जरूरी होती है। अगर बादल घने होंगे और उनमें नमी अधिक होगी तो ज्यादा बारिश की संभावना बढ़ जाती है। एक बार बारिश होने के चलते 10 से 15 दिनों तक आमजन को प्रदूषण से भी राहत मिलती है।
कानपुर आईआईटी की टीम तैयार
आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने बताया कि टीम कृत्रिम वर्षा करने के लिए हमेशा ही तैयार है। हालांकि, संबंधित राज्यों से इसके लिए पत्र आना जरूरी होता है। अगर दिल्ली सरकार आईआईटी कानपुर से संपर्क करके कृत्रिम वर्षा की मांग करती है तो आईआईटी कानपुर की टीम वहां पर कृत्रिम बारिश जरूर कराएगी।
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