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India-US relations के बीच ऐतिहासिक समझौते: व्यापार, रक्षा और प्रौद्योगिकी में सहयोग

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India-US relations: 14 फरवरी 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई मुलाकात ने भारत और अमेरिका के रिश्तों को एक नई दिशा दी। इस बैठक में दोनों देशों ने कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें व्यापार, रक्षा, ऊर्जा और प्रौद्योगिकी शामिल हैं।

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India-US ने द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक 500 बिलियन डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। इसके तहत, दोनों देशों ने व्यापार को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता करने पर सहमति व्यक्त की है, जिसमें तेल और गैस के व्यापार को भी बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अलावा, दोनों देशों ने न्यूक्लियर एनर्जी क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की दिशा में भी कदम उठाए हैं, जिसमें स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर्स का विकास प्रमुख है।

रक्षा क्षेत्र में, अमेरिका ने भारत को एफ-35 स्टील्थ फाइटर जेट्स की पेशकश की है, जिससे भारत की सैन्य ताकत में महत्वपूर्ण वृद्धि हो सकती है। इसके अलावा, दोनों देशों ने जॉइंट डिवेलपमेंट और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की दिशा में सहयोग बढ़ाने का फैसला किया है। इन समझौतों से भारत को नई रक्षा तकनीकों और उपकरणों की प्राप्ति होगी, जो उसे वैश्विक सुरक्षा मंच पर और भी प्रभावी बनाएंगे।

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी साझेदारी को भी मजबूत किया। दोनों नेताओं ने सीमा पार आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाने की बात की और इस मुद्दे पर एकजुट होकर काम करने की सहमति दी। इसके अलावा, राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत के उच्च टैरिफ पर चिंता व्यक्त की और इसे कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया, जिससे अमेरिकी व्यापारियों के लिए भारत में नए अवसर बन सकें।

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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और अन्य प्रौद्योगिकियों के विकास में भी दोनों देशों ने संयुक्त रूप से काम करने की योजना बनाई है। इससे दोनों देशों की तकनीकी क्षमता में वृद्धि होगी और वैश्विक स्तर पर नई नवाचार की संभावना भी बढ़ेगी।

यह बैठक न केवल India-US के संबंधों को मजबूत करने में मदद करेगी, बल्कि दोनों देशों के बीच रणनीतिक, आर्थिक और तकनीकी सहयोग को एक नई दिशा भी देगी।

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