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इज़राइल में फंसे भारतीय मज़दूरों ने बताई आप बीती, जानें कैसा है उनका हाल ?

Bhadoi

Bhadohi : उत्तर प्रदेश से ईरान और इजराइल युद्ध के बीच काम करने के लिए गए भारतीय मूल के कारीगरों के संबंध में यह दावा किया जा रहा है कि वे मजबूरी में काम कर रहे हैं। हालाँकि, उनके परिजनों ने इस पर अलग राय व्यक्त की है। परिजनों का कहना है कि उन्हें वहां कोई समस्या नहीं है और वे संतोष के साथ कार्य कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, तो उन्हें कोई चिंता नहीं है।

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श्रम प्रवर्तन विभाग(Bhadoi) ने भी पुष्टि की है कि यूपी और पूरे भारत से गए मजदूर पूरी तरह सुरक्षित हैं और भारत सरकार उनकी स्थिति पर नज़र रखे हुए है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की पहल पर राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) द्वारा इजराइल में भेजे गए इन कुशल कारीगरों के परिवार और जानकारों ने चिंताओं के बावजूद जब उनसे बात की, तो उनके मन में राहत की भावना जागृत हुई है।

इज़राइल में रह रहे मजदूर हैं सुरक्षित

ज्ञानपुर के बैराखास क्षेत्र में रहने वाले लालधर विश्वकर्मा ने बताया कि उनके भाई रामसूरत विश्वकर्मा और चचेरे भाई अनिल विश्वकर्मा इजराइल में कारपेंटर के रूप में कार्यरत हैं। वह रोजाना वीडियो कॉल के माध्यम से उनसे बात करते हैं, और वहां रह रहे बच्चे यह बताते हैं कि वे इजराइल में सुरक्षित हैं तथा जहां वे काम कर रहे हैं, वहाँ गोला-बारूद की आवाज नहीं आ रही है। लालधर ने कहा कि उनके परिवार के दो सदस्य इजराइल में कारपेंटिंग का कार्य कर रहे हैं।​

वहां युद्ध के हालात बनने पर एक बार तो डर महसूस हुआ था, लेकिन इजराइल में मौजूद बच्चे उन्हें बता रहे हैं कि वे पूरी तरह से सुरक्षित हैं और उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि मिसाइलें बहुत दूर ही गिराई जाती हैं।विश्वकर्मा के सहकर्मी चंदन मौर्य ने एबीपी लाइव के साथ बातचीत में कहा कि उन्हें वहां पर कोई डर नहीं है और जब तक प्रधानमंत्री मोदी हैं, उन्हें कोई चिंता नहीं है।

भारत सरकार की है नज़र

भदोही के श्रम प्रवर्तन अधिकारी जय प्रकाश सिंह ने जानकारी दी कि जनपद के विभिन्न क्षेत्रों से कुल 7 लोग इजराइल भेजे गए हैं। ​जेपी सिंह ने कहा कि युद्ध की स्थिति के मामले में भारत सरकार अपनी नजर बनाए हुए है और वहां उपस्थित हमारे नागरिक सभी सुरक्षित हैं, इसलिए डरने की कोई वजह नहीं है।​

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यह भी उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश समेत पूरे भारत में कुशल कारीगरों और मजदूरों के उत्थान के लिए भारत की राष्ट्रीय स्किल्ड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एनएसडीसी) ने इजराइल की पॉपुलेशन, इमिग्रेशन एंड बॉर्डर अथॉरिटी (पीआईबीए) के साथ समन्वय स्थापित किया है। इसके तहत भारत से कई कुशल श्रमिक इजराइल भेजे जा रहे हैं। एनएसडीसी का मुख्य उद्देश्य कौशल विकास को बढ़ावा देना है और यह एक ऐसी संस्था है जो निजी और सरकारी साझेदारी में काम करती है।

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