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Jalaun : प्रसव पीड़ा होने पर SO ने नहीं दी सिपाही को छुट्टी, रास्ते में पत्नी और बच्ची की मौत!

Jalaun News : जालौन में एक सिपाही की पत्नी और नवजात की समय से इलाज न मिल पान से दोनों की मौत हो गई। सिपाही ने थानाध्यक्ष को छुट्टी के लिए एप्लिकेशन दी थी, जो कि एक्सेप्ट नहीं हुई। शुक्रवार को पत्नी को प्रसव पीड़ा शुरू हुई, जिस पर सिपाही के घरवाले उसे सीएचसी ले गए। यहां उसने एक बच्ची को जन्म दिया। लेकिन दोनों की हालत खराब थी, जिस पर डॉक्टरों ने दोनों को आगरा रेफर कर दिया।

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आगरा ले जाते वक्त मां-बेटी की मौत हो गई। पत्नी-बेटी की मौत के बाद सिपाही ने सोशल प्लेटफार्म पर लिखा-मुझे माफ करना। घटना (Jalaun News) के बारे में जब एसपी को पता चला, तो उन्होंने तत्काल प्रभाव से सिपाही को छुट्टी दी, मगर तब तक काफी देर हो चुकी थी।

2018 में हुई थी विकास की भर्ती

सिपाही विकास निर्मल 2018 बैच का सिपाही है और उसकी तैनाती रामपुरा थाने में है। विकास मैनपुरी के बेला हार थाने के रहने वाला है। उनकी पत्नी ज्योति परिवार के साथ गांव में रहती थी। विकास ने बताया कि वह पिछले 9 महीने से प्रेग्नेंट पत्नी की देखरेख के लिए छुट्टी लेकर घर अक्सर जाया करता था। वह पत्नी का इलाज आगरा में करवा रहा था। डिलीवरी के लिए भी उसे पत्नी को आगरा में ही भर्ती करवाना था।

पिछले महीने ही करवाए थे सभी चेकअप

एक महीने पहले विकास ने पत्नी के सभी चेकअप करवाए थे। इसके बाद वह जालौन ड्यूटी पर लौट आया था। शुक्रवार को पत्नी को अचानक प्रसव पीड़ा हुई, जिसकी जानकारी होने पर विकास ने तत्काल थानाध्यक्ष अर्जुन सिंह को एप्लिकेशन दी कि उन्हें पत्नी की देखभाल के लिए घर जाना है।

मगर थानाध्यक्ष ने एप्लिकेशन रिजेक्ट करते हुए कहा कि तुम पहले ही बहुत छुट्टियां ले चुके हो। इस पर विकास ने घरवालों को फोन कर तत्काल पत्नी को लेकर अस्पताल जाने को कहा। मैनपुरी में उसके घर वाले पत्नी को लेकर कुरावली सीएचसी पहुंचे।

बच्ची के जन्म के बाद बिगड़ी दोनों की हालत

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सीएचसी में डाक्टरों ने उसका ट्रीटमेंट शुरू किया। थोड़ी देर बार पत्नी ने एक बच्ची को जन्म दिया, लेकिन दोनों की तबीयत ठीक नहीं थी। यहां से दोनों को मैनपुरी जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। कुछ घंटे यहां पर इलाज किया गया, लेकिन हालत ठीक नहीं हो रही थी, इसलिए दोनों को आगरा रेफर कर दिया गया। एम्बुलेंस से जब वह आगरा के लिए निकले, तो रास्ते में ही दोनों ने दम तोड़ दिया। विकास की पत्नी की यह पहली डिलीवरी थी। सिपाही ने इसकी जानकारी पुलिस अधीक्षक को दी, जिसके बाद उन्होंने सिपाही को छुट्टी दी।

छुट्टी मिल जाती तो घर में होता खुशियों भरा माहौल

घरवालों ने बताया कि विकास पत्नी की बहुत केयर करता था। पत्नी को हमेशा अच्छे डॉक्टर को दिखाता था। उस दिन भी अगर उसको छुट्टी मिल जाती, तो तत्काल उसे लेकर आगरा चला जाता और शायद आज परिवार में खुशियां मनाई जा रही होती। पुलिस महकमे की लापरवाही ने पूरा परिवार उजाड़ दिया।

एसपी ने दी अपनी सफाई

पुलिस अधीक्षक डॉक्टर ईरज राजा ने बताया कि हाल में ही सिपाही ने कई छुट्टियां ली थीं। जिसके चलते ऐसा किया गया। सिपाही को मुझे इसकी जानकारी देनी चाहिए थी, तो मैं उसकी लीव एप्लिकेशन एक्सेप्ट कर लेता। घटना के बाद एसपी ने विभाग में एक लेटर जारी किया है। इसमें कहा कि सभी सीओ और एसओ किसी भी सिपाहियों को छुट्टी देने के लिए अनावश्यक रूप से परेशान न करें।

सिपाही 10 से 12 बजे तक एप्लिकेशन को थाना प्रभारी, क्षेत्राधिकारी कार्यालय तक पहुंचाएं और क्षेत्राधिकारी शाम 6 बजे तक एक्सेप्ट के साथ उसे आगे भिजवाएं। अगर शाम 6 बजे तक थाना प्रभारी और क्षेत्राधिकारी ने लीव एप्लिकेशन आगे नहीं बढ़ाते हैं, तो ही लीव एप्लिकेशन एक्सेप्ट मानी जाएगी। इस आदेश का सभी सख्ती से पालन करें।

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