Jammu and Kashmir Assembly conflict: जम्मू-कश्मीर विधानसभा का सत्र एक बार फिर भारी हंगामे की भेंट चढ़ गया जब आम आदमी पार्टी के विधायक मेहराज मलिक ने बीजेपी विधायकों पर सदन में मारपीट का आरोप लगाया। मेहराज मलिक का कहना है कि वक्फ कानून को लेकर चल रही बहस के दौरान पहले उनकी बहस पीडीपी विधायक वहीद पारा से हुई, लेकिन बाद में बीजेपी विधायक भी हस्तक्षेप करते हुए उनके साथ धक्का-मुक्की पर उतर आए।
- विज्ञापन -Jammu, J&K: After the scuffle between Aam Aadmi Party MLA Mehraj Malik and BJP members in the Jammu and Kashmir Assembly, AAP MLA Mehraj Malik says, "Some people from PDP tried to attack me, and in their support, all the BJP MLAs also stood up and came forward…" pic.twitter.com/mdEp0nxO7H
— IANS (@ians_india) April 9, 2025
मेहराज मलिक और वहीद पारा के बीच की तीखी बहस का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें मेहराज, वहीद पर कौम से गद्दारी करने का आरोप लगाते दिख रहे हैं। इस दौरान वे गुस्से में कहते हैं कि उन्हें डराया नहीं जा सकता और वह किसी को नहीं छोड़ेंगे। यह बहस जल्द ही पूरे सदन में तनाव का कारण बन गई।
Seems like being anti hindu and ability to do hooliganism are the only criteria to get a ticket from AAP.
After passing derogatory remarks against Hindus , AAP MLA Mehraj Malik has now audacity to do drama and shout inside assembly.
The way Mehraj Malik is following the… pic.twitter.com/ngpDIkjKMu
— AAP watch (@AAP_watch) April 9, 2025
मेहराज ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन ने निष्पक्षता नहीं दिखाई और वह बीजेपी विधायकों का समर्थन कर रहा है। उन्होंने Jammu and Kashmir Assembly में कहा कि अगर वह विधायक होकर भी सुरक्षित नहीं हैं, तो आम जनता की सुरक्षा की कल्पना नहीं की जा सकती। उन्होंने SSP के व्यवहार पर भी सवाल उठाए और आरोप लगाया कि पुलिस ने हमले के बाद उन्हें ही घेरा।
उधर, बीजेपी की तरफ से भी तीखी प्रतिक्रिया आई। बीजेपी विधायक विक्रम रंधावा ने मेहराज पर आरोप लगाया कि उन्होंने हिंदुओं को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया है। रंधावा का कहना है कि मेहराज ने कहा कि “हिंदू तिलक लगाकर पाप करता है” और “हिंदू तिलक लगाकर चोरियां करता है”। बीजेपी ने इस बयान को लेकर कड़ी आपत्ति जताई और कार्रवाई की मांग की।
इस पूरे घटनाक्रम की जड़ वक्फ कानून है, जिस पर चर्चा की मांग विपक्षी दल लगातार कर रहे हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और पीडीपी इस मुद्दे को सदन में उठाना चाहते हैं, लेकिन स्पीकर ने यह कहकर चर्चा की अनुमति नहीं दी कि मामला न्यायालय में है। इसी वजह से Jammu and Kashmir Assembly का सत्र लगातार हंगामे की गिरफ्त में है और तीन दिन से कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो पाई है।