Jauhar University: उत्तर प्रदेश के रामपुर स्थित मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय की 13.842 हेक्टेयर शत्रु संपत्ति जल्द ही नीलाम की जाएगी। इस नीलामी प्रक्रिया के लिए गृह मंत्रालय से मंजूरी ली जा रही है। यह जमीन, जिसे पहले कस्टोडियन को सौंपा गया था, अब नीलामी के लिए तैयार है। पांच महीने पहले प्रशासन ने हाईकोर्ट के निर्देश पर इस संपत्ति को कब्जे में लिया था।
विवादित जमीन और कानूनी कार्रवाई
यह संपत्ति सींगनखेड़ा गांव की है, जिसे पाकिस्तान में रह रहे ताहिर हुसैन खां की बताई गई। इसे शत्रु संपत्ति के रूप में राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज किया गया था। आरोप है कि Jauhar University के चांसलर और मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट के अध्यक्ष आजम खान ने इसे गैर-कानूनी तरीके से विश्वविद्यालय में शामिल कर लिया। इस मामले में अजीमनगर थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी। डीजीपीएस सर्वे के जरिए संपत्ति की लोकेशन को चिह्नित किया गया, जिसके बाद इसे नीलामी के लिए तैयार किया गया है।
निर्माण पर विध्वंस की योजना
शत्रु संपत्ति की पैमाइश के दौरान इस जमीन पर निर्माण पाए गए थे, जिन्हें सील कर दिया गया था। अब इन्हें गिराने की योजना बनाई जा रही है। जिलाधिकारी, जो शत्रु संपत्ति के अभिरक्षक होते हैं, कानूनी राय लेकर आवश्यक कदम उठाएंगे। नीलामी प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने के लिए आवश्यक तैयारियां जारी हैं।
रामपुर में कुल शत्रु संपत्तियां
रामपुर जिले में कुल 172 शत्रु संपत्तियां हैं, जिनकी अनुमानित कीमत करोड़ों रुपये है। इनमें से 13.842 हेक्टेयर जमीन Jauhar University के परिसर में स्थित है। इसके अलावा, 12 शत्रु संपत्तियां किराए पर हैं। जौहर विश्वविद्यालय की शत्रु संपत्ति पर अब पूरी तरह विभाग का कब्जा है और इसे कानूनी तरीके से नीलाम किया जाएगा।
शत्रु संपत्ति और कस्टोडियन की भूमिका
विभाजन या युद्ध के समय जो लोग शत्रु देश चले गए थे, उनकी संपत्ति को शत्रु संपत्ति घोषित किया गया। यह संपत्ति भारत सरकार के कस्टोडियन विभाग के अधीन आती है, जिसका मुख्यालय मुंबई में है। जिलाधिकारी स्थानीय स्तर पर इस विभाग के प्रतिनिधि होते हैं और नीलामी प्रक्रिया को पूरा करने में उनकी भूमिका अहम होती है।