kanpur News: कानपुर के हूलागंज इलाके में एक प्राइवेट कंपनी के कर्मचारी नितिन गुप्ता को साइबर ठगों ने अपने जाल में फंसाने की कोशिश की। नितिन को एक फर्जी वीडियो कॉल के जरिए डिजिटल अरेस्ट में लेने की कोशिश की गई लेकिन उनकी सतर्कता और समझदारी के चलते ठग अपने मंसूबों में नाकाम रहे। घटना के बाद नितिन ने साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई है।
कैसे हुआ मामला शुरू?
सोमवार सुबह करीब 9 बजे नितिन के मोबाइल पर एक वीडियो कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को Delhi Income Tax Department का अधिकारी मोहित नेगी बताया। ठग ने नितिन पर आरोप लगाया कि उनके नाम से एक “लक्ष्मी ट्रांसपोर्ट” नामक कंपनी दिल्ली में चल रही है जिसका 9.40 लाख रुपये का टैक्स बकाया है।
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ठगों ने कैसे बनाया दबाव?
जब नितिन ने यह साफ किया कि उनका ट्रांसपोर्ट से कोई लेना-देना नही है। तो कॉल को कथित दिल्ली पुलिस अधिकारी अजय राय से जोड़ दिया गया। इसके बाद नितिन को बताया गया कि उनका नाम हवाला मामले की जांच में शामिल 248 संदिग्धों में 160वें स्थान पर है। ठगों ने नितिन को डराने के लिए फर्जी दस्तावेज और एक फोटो भेजी जिसमें उनके नाम और आधार नंबर का इस्तेमाल किया गया था।
ठगी की अंतिम चाल
ठगों ने नितिन से कहा कि उनके खाते में मौजूद 90,000 रुपये में से 70,000 रुपये एक खाते में ट्रांसफर करें। इस पर नितिन का शक गहराया। उन्होंने सोचा “जो लोग करोड़ों रुपये के हवाला की बात कर रहे हैं वे सत्तर हजार रुपये क्यों मांग रहे हैं?” इसके बाद नितिन ने समझदारी दिखाते हुए कॉल काट दी।
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“Digital Arrest” का खतरा
साइबर ठग “डिजिटल अरेस्ट” के जरिए लोगों को मानसिक रूप से कैद में लेने की कोशिश करते हैं। गिरफ्तारी का डर दिखाकर ठगी का दबाव बनाते हैं। फर्जी ऐप डाउनलोड करवाकर बैंक खातों से पैसे उड़ा लेते हैं। पीड़ित को वीडियो कॉल के जरिए लगातार निगरानी में रखते हैं।
ठगी से बचने के उपाय
1. अनजान कॉल पर तुरंत भरोसा न करें।
2. कोई फर्जी ऐप या लिंक न खोलें।
3. किसी अधिकारी के नाम पर डराने वाले कॉल से बचें।
4. ऐसी स्थिति में तुरंत साइबर सेल या पुलिस से संपर्क करें।