kanpur News: कानपुर में रिमझिम इस्पात और उससे जुड़ी कंपनियों पर आयकर विभाग की छापेमारी तीसरे दिन भी जारी रही। आयकर विभाग की टीमें कानपुर, उन्नाव, हमीरपुर, गाजियाबाद और नोएडा समेत कई शहरो में कंपनी के 40 से अधिक ठिकानों पर जांच कर रही हैं।
मुखौटा कंपनियों और टैक्स चोरी का खुलासा
जांच में अब तक 15 बोगस फर्मो का पता चला है। जिनके निदेशक चौकीदार, माली और रसोइये जैसे लोग हैं। सूत्रों के मुताबिक , इन फर्जी कंपनियों के जरिए बड़े पैमाने पर वित्तीय हेराफेरी और टैक्स चोरी की गई है।
डिजिटल डिवाइस जब्त और डेटा रिकवरी
आयकर विभाग ने कंपनी के आजाद नगर स्थित कॉरपोरेट ऑफिस और निदेशकों के आवास से लैपटॉप, मोबाइल, कंप्यूटर और हार्ड डिस्क जब्त की हैं। इनसे डिलीट किए गए ईमेल और चैट का डेटा रिकवर करने के लिए विशेषज्ञों को बुलाया गया है।
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कच्चे दस्तावेजों और बेहिसाब नकदी का खुलासा
टीम को छापेमारी के दौरान कच्चे पर्चों पर खरीद-फरोख्त के सबूत और बेहिसाब संपत्तियों के दस्तावेज मिले हैं। साथ ही, लाखों की नकदी भी बरामद हुई है। जिसके बारे में हिसाब मांगा गया है।
पहले भी विवादों में रहा है रिमझिम इस्पात
रिमझिम इस्पात के मालिक योगेश अग्रवाल पहले भी कर चोरी के आरोपों में फंस चुके हैं। 2016 में 23 अरब रुपये की कर चोरी के मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया था और 59 दिनों तक जेल में रहना पड़ा था।जांच अब रिमझिम इस्पात की सहायक कंपनी नोवल शुगर लिमिटेड तक पहुंच गई है। इस कंपनी में योगेश अग्रवाल के साथ एक और निदेशक हैं जो एक बड़ी इंजीनियरिंग कंपनी से जुड़े हुए हैं। इनके वित्तीय लेनदेन और निवेश की भी जांच की जा रही है।
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