Kanpur News: IIT कानपुर अपना 65वां स्थापना दिवस शनिवार को मना रहा है, जिसमें रक्षामंत्री राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। वहीं इससे पहले रक्षा मंत्री ने श्याम नगर स्थित हरिहर धाम में अपने धार्मिक गुरु से मुलाकात की। धार्मिक गुरु से मिलने के बाद रक्षा मंत्री ने कहा कि पहले के समय में जम्मू कश्मीर में जितनी आतंकवादी घटनाएं होती थी, उसके मुकाबले अब घटनाएं काफी कम हो गई हैं।
हाल ही में हुई घटनाएं काफी दुर्भाग्यपूर्ण
सिक्योरिटी फोर्स पूरी तरह से वहां पर सजग है। वहां पर जल्द ही पूरी तरह से आतंकवाद का खात्मा होगा। जम्मू कश्मीर में तेजी से डेवलपमेंट हो रहा है। इधर बीच आतंकवादी घटनाएं बहुत कम हो गई थीं। हाल ही में दो-चार घटनाएं हुई हैं जो कि काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। जो भी घटनाएं हो रही हैं उस पर हम लोग जवाब भी दे रहे हैं। बहुत सारे आतंकवादी मारे भी गए हैं। भारत और चीन के रिश्ते पर रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत अपने सभी पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते अच्छे बना रहा है। भारत और चीन के बीच लगातार एक डेढ़ साल से बातचीत चल रही थी। आर्मी के लेवल पर सब समाधान हो चुका है। बॉर्डर पर भारत और चीन का पेट्रोलिंग चालू हो गया है जैसे होना चाहिए था।
कौन हैं हरिहर दास महाराज?
हरदोई जिले के सवायजपुर गांव के रहने वाले संतोष कुमार द्विवेदी 80 के दशक में संन्यास लेकर साधु बन गए थे। उनके शिष्य उनको हरिदास महाराज के नाम से पुकारते हैं। उन्होने कानपुर के श्याम नगर में 90 के दशक में एक आश्रम बनवाया। यहां साल भर धार्मिक और सामाजिक कार्य होते रहते हैं। हरिदास महाराज ने गांव में एक कन्या महाविद्यालय और आंखों का अस्पताल भी बनवाया है। उनकी दो बेटियां हैं, जिनमें से एक आंखों की डॉक्टर हैं। दोनों ही बेटियों की शादी हो चुकी है।
IIT के स्थापना दिवस में शामिल हुए रक्षा मंत्री
IIT के डायरेक्टर प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने कहा, आईआईटी कानपुर का 65वां स्थापना दिवस शोध और नवाचार पर ध्यान केंद्रित करने के साथ अकादमिक उत्कृष्टता की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। हमें इस यादगार दिन पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का स्वागत करते हुए खुशी हो रही है। उनकी उपस्थिति न केवल हम सभी को प्रेरित करेगी बल्कि राष्ट्र के विकास और तकनीकी उन्नति में योगदान देने की हमारी प्रतिबद्धता को भी मजबूती प्रदान करेगी। यह दिन हमारे पूर्व छात्रों की उत्कृष्ट उपलब्धियों और हमारे संकाय, छात्रों और कर्मचारियों के सामूहिक प्रयासों का उत्सव है। हम संस्थान में शिक्षा में उत्कृष्टता सुनिश्चित करते हुए नवाचार और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने की अपनी विरासत को जारी रखने के लिए तत्पर हैं।
18 पूर्व छात्रों को प्रतिष्ठित पुरस्कार से किया गया सम्मानित
65वें स्थापना दिवस के अवसर पर, आईआईटी कानपुर अपने 18 पूर्व छात्रों को प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया। इनमें विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार शामिल हैं, जो अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले पूर्व छात्रों को मान्यता देते हैं। विशिष्ट सेवा पुरस्कार, जो संस्थान के विकास और मिशन में महत्वपूर्ण योगदान देने वालों का सम्मान करते हैं। युवा पूर्व छात्र पुरस्कार, जो अपने करियर के शुरुआती चरणों में उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए पूर्व छात्रों को मान्यता देते हैं। संस्थान उन संकाय सदस्यों को मान्यता देने और सम्मानित करने के लिए तीन संस्थान फेलो पुरस्कार प्रदान करेगा, जिन्होंने संस्थान के समग्र विकास में उल्लेखनीय योगदान दिया है।
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