Kanpur Fertilizer: कानपुर फर्टिलाइजर एंड केमिकल्स प्राइवेट लिमिटेड, जो पहले कानपुर का गौरव और यूरिया उत्पादन का प्रमुख केंद्र था, अब आर्थिक कारणों से बंद हो गया है। यह फैक्ट्री न केवल शहर के उद्योग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थी, बल्कि देश भर में यूरिया की आपूर्ति करती थी। लेकिन अब 17 दिसंबर से गैस की आपूर्ति में रुकावट के बाद फैक्ट्री का उत्पादन ठप हो गया और 12 जनवरी को अचानक तालाबंदी की घोषणा कर दी गई। इस फैसले ने लगभग 1500 श्रमिकों और उनके परिवारों के सामने गंभीर रोजी-रोटी संकट उत्पन्न कर दिया है।
गैस आपूर्ति में रुकावट और उत्पादन ठप
Kanpur Fertilizer की तालाबंदी का मुख्य कारण गैस की आपूर्ति में आई रुकावट है। श्रमिक नेता असित सिंह ने बताया कि 17 दिसंबर से गैस अथारिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड ने गैस की आपूर्ति बंद कर दी, जिसके कारण यूरिया का उत्पादन रुक गया। इसके बाद, प्रबंधन ने 12 जनवरी को अचानक तालाबंदी का फैसला लिया। असित सिंह के अनुसार, फैक्ट्री के प्रबंधन ने गैस का बकाया 260 करोड़ रुपये पहले ही चुका दिया था, लेकिन फिर भी समस्या का समाधान नहीं हो सका।
श्रमिकों का संघर्ष और वेतन में देरी
श्रमिकों के लिए यह संकट और भी गंभीर हो गया है क्योंकि पिछले कुछ महीनों से उन्हें वेतन मिलने में देरी हो रही थी। पहले हर महीने की 2 तारीख को वेतन मिल जाता था, लेकिन दिसंबर में यह 14 तारीख तक नहीं आया था। किसी तरह से दिसंबर का वेतन जारी हुआ, लेकिन जनवरी में अचानक तालाबंदी की घोषणा ने उनके जीवन में और अनिश्चितता पैदा कर दी। श्रमिक नेता ने कहा कि यह कदम श्रम विभाग और श्रमिकों के अधिकारों का उल्लंघन है, और वह इस मामले को लेकर श्रमायुक्त से मिलने की योजना बना रहे हैं।
फर्टिलाइजर के भविष्य पर सवाल
Kanpur Fertilizer की तालाबंदी ने न केवल श्रमिकों, बल्कि पूरे शहर की आर्थिक स्थिति को प्रभावित किया है। इस बंदी ने 1500 श्रमिकों और उनके परिवारों के सामने गंभीर संकट खड़ा कर दिया है। श्रमिक संगठन इस मुद्दे को हल करने के लिए प्रबंधन पर दबाव बना रहे हैं ताकि उत्पादन फिर से शुरू हो सके और श्रमिकों को उनका रोज़गार मिल सके। शहर की सबसे बड़ी फर्टिलाइजर फैक्ट्री के भविष्य को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं, और श्रमिकों को उम्मीद है कि जल्द ही कोई समाधान निकलेगा।