kanpur News: कानपुर में ED ने बड़ा कदम उठाते हुए Lakshmi Cotsin Limited कंपनी की 32 करोड़ रुपये की 86 संपत्तियों को जब्त कर लिया है। यह कार्रवाई कंपनी द्वारा बैंकों के साथ धोखाधड़ी करने के मामले में की गई है। दरअसल, इस कंपनी ने बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले 23 बैंकों से 7,377 करोड़ रुपये का लोन लिया था। जिसे बाद में वापस नहीं किया और हड़प लिया।
जानें पूरा मामला
Lakshmi Cotsin कंपनी के संचालकों ने छत्तीसगढ़ के भाटपारा और बलौदा बाजार में 32 करोड़ रुपये में 86 कृषि भूमि खरीदी थी। ED ने अब अपने कब्जे में ले लिया है। ये संपत्तियां कंपनी के कर्मचारियों और स्थानीय निवासियों के नाम पर ली गई थीं ताकि इस बात को छुपाया जा सके कि असल में ये कंपनी की संपत्ति है। इस मामले में पहली शिकायत 1 जून 2021 को सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के डीजीएम राजीव खुराना ने की थी। जिसके बाद सीबीआई ने इसकी जांच शुरू की।
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CBI की जांच
सीबीआई की जांच में कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. माता प्रसाद अग्रवाल, संयुक्त प्रबंध निदेशक पवन कुमार अग्रवाल और उपप्रबंध निदेशक देवेश नारायण गुप्ता के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला सामने आया। ED ने इसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग के तहत भी केस दर्ज कर जांच शुरू की। जांच में पता चला कि कंपनी ने कपड़ों का कारोबार करने के नाम पर बैंकों से लोन लिया, लेकिन उस पैसे का सही उपयोग नहीं किया। कंपनी ने बैंकों को धोखे में रखने के लिए नकली इन्वेंट्री रिकॉर्ड बनाए।
खाते हुए नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स घोषित
बैंकों ने जब देखा कि कंपनी लोन वापस नहीं कर रही है, तो उन्होंने इसके खातों को नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स घोषित कर दिया। बाद में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के आदेश पर कंपनी की 265.44 करोड़ रुपये की संपत्तियों की नीलामी कर दी गई।
जांच में खुले कई राज़
जांच में यह भी सामने आया कि लक्ष्मी कॉटसिन लिमिटेड ने अपने फंड को अपनी दूसरी कंपनी श्री लक्ष्मी पॉवर लिमिटेड में डायवर्ट किया और फिर उसे बलौदा बाजार में विभिन्न व्यक्तियों के नाम पर खर्च किया। इसके अलावा, कंपनी ने भरोसेमंद कर्मचारियों और स्थानीय आदिवासियों के नाम पर भी जमीनें खरीदीं ताकि इस धोखाधड़ी को छुपाया जा सके।इस मामले में ईडी की कार्रवाई जारी है और कंपनी के खिलाफ कानूनी कदम उठाए जा रहे हैं।