Kanpur News: नेशनल हाईवे पर चलने वाले वाहन सवारों को बड़ी राहत मिलने वाली है। कानपुर के सभी हाईवे पर प्रति किमी के हिसाब से टोल अदा करने का सिस्टम लागू होने का सर्वे पूरा हो चुका है। नए सिस्टम के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहन जितने किलोमीटर चलेगा, उसे उतना ही टोल देना होगा। ऐलान इसी माह सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय करेगा, तो चलिए जानते हैं इससे जुड़ी सारी जानकारी।
पहले चरण में लागू होगा हाईब्रिड सिस्टम
प्रति किमी के हिसाब से टोल टैक्स अदा करने की (GNSS) NHAI की योजना पहले चरण में हाइब्रिड सिस्टम से शुरू होगी। कानपुर के प्रमुख हाईवे कानपुर-प्रयागराज, कानपुर- अलीगढ़ और उन्नाव-लालगंज पर भी यह लागू होगा। इसका पूरा डाटा जीएनएसएस (ग्लोबल नेवीगेशन सैटेलाइट सिस्टम) पर डाला जा रहा है। मतलब, दूरी, टोल प्लाजा, गुजरने वाले वाहन और चढ़ने उतरने की सर्विस लेन, कनेक्टिविटी से लेकर पूरा मैप होगा। धीरे-धीरे टोल प्लाजा खत्म होंगे।
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20 किमी तक सफर करने पर कोई टोल फीस नहीं
हाइब्रिड सिस्टम के तहत हाईवे पर सफर करने के दौरान अगर कोई वाहन 24 घंटे में एक बार 20 किमी तक सफर करता है तो उससे कोई टोल फीस नहीं ली जाएगी। दो टोल के बीच कोई वाहन सफर करता है तो उसे टैक्स नहीं देना पड़ता है। मसलन एक टोल से दूसरे की न्यूनतम दूरी 60 किमी होती है। कोई फास्टैग लगा वाहन अगर टोल प्लाजा से नहीं गुजरता है तो उसे टोल नहीं देना होता पर प्रति किमी टोल की व्यवस्था में 20 किमी से अधिक पर टोल देना होगा।
फास्टैग का विकल्प बनेंगे OBU
अभी टोल प्लाजा पर वाहन पर फास्टैग से टोल फीस कटती है, जो किसी बैंक से जुड़े होते हैं। हाईब्रिड सिस्टम वाले हाईवे पर फास्टैग से भी टोल कटेगा लेकिन जीएनएसएस के तहत टोल देने के लिए वाहनों में ओबीयू (ऑन-बोर्ड यूनिट) लगवाना होगा। वाहन स्वामियों को ओबीयू फिट करवाना होगा। नए वाहनों में फैक्ट्री- फिटेड ओबीयू मिलेंगे। शोरूम मालिक अब अपने परिसर से बाहर निकलने वाली नई कारों में जिस तरह फास्टैग स्टीकर लगवाते हैं, वैसे ही ओबीयू भी लग जाएंगे। जैसे ही जीएनएसएस वाहन टोल गेट से गुजरेगा, ओबीयू के जरिए एक पिंग (दूरी और समय टिकट) प्राप्त होगा। इसमें भी फास्टैग की तरह इलेक्ट्रॉनिक भुगतान होगा। हाईब्रिड सिस्टम में जीएनएसएस वाहनों की अलग लेन होगी, जिसमें गुजरने वाले गैर-जीएनएसएस वाहनों को दोगुना टोल देना होगा। जीएनएसए वाली लेन में टोल भुगतान की वजह से जाम नहीं लगेगा।
एनएचएआई क्षेत्रीय अधिकारी संजीव शर्मा ने बताया कि ग्लोबल नेवीगेशन सैटेलाइट सिस्टम से वाहन सवारों को बहुत लाभ मिलेगा। जितनी किमी की यात्रा होगी, उतनी ही दर से भुगतान किया जाएगा। अभी कई एक्सप्रेस वे पर प्रति किमी के हिसाब से टोल लिया जाता है। अब एनएचएआई के विशाल नेटवर्क में भी यह व्यवस्था लागू होने से फायदा होगा।
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