Kanpur News: हरियाली के फेमस कानपुर के ग्रीनपार्क स्टेडियम पर एक साल के लिए बैन का खतरा मंडरा रहा है। इसका कारण है कि ICC (International Cricket Council) ने ग्रीनपार्क की आउट फील्ड पर अंसतोश जताया है। ICC ने आउट फील्ड को नाराजगी भरा करार देते हुए एक डीमेरिट अंक दिया है। ऐसे में अगर जल्द कमियों में सुधार करके इसकी रिपोर्ट ICC को नहीं भेजी गई तो यह ग्रीनपार्क के लिए ठीक नहीं होगा। ICC ने ग्रीनपार्क के खिलाफ कार्रवाई का कदम उठाया तो एक साल के लिए बैन भी लग सकता है।
तीन साल बाद सितंबर में भारत-बांग्लादेश के बीच टेस्ट मैच की मिली थी मेजबानी
ग्रीनपार्क स्टेडियम को तीन साल बाद सितंबर माह में अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच की मेजबानी मिली थी। भारत-बांग्लादेश के बीच टेस्ट मैच हुआ था लेकिन बारिश के कारण आउट फील्ड एकदम खराब हो गई थी और दो दिन मैच नहीं हो पाया था। 27 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच हुए मैच में पहले दिन सिर्फ 35 ओवर का ही खेल हो पाया था। इसके बाद खराब आउट फील्ड के कारण दूसरे-तीसरे दिन का खेल ठप रहा था। बीते सप्ताह आईसीसी ने मैदान और आउटफील्ड की रिपोर्ट जारी की।
BCCI की टीम जनवरी से पहले कर सकती मैदान का निरीक्षण
ICC की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने ग्रीनपार्क की आउटफील्ड पर असंतोष जताया। ICC ने ग्रीनपार्क को एक डीमेरिट अंक भी जारी किया। ऐसे हालात में ग्रीनपार्क की आउटफील्ड जल्द से जल्द सुधारना बेहद जरूरी है। समय से ऐसा करके इसकी रिपोर्ट न भेजी गई तो स्टेडियम पर एक साल का बैन लग सकता है। कमियों को दूर करने व आउट फील्ड में सुधार के लिए BCCI की टीम जनवरी से पहले निरीक्षण कर सकती है।
2008 में भी पिच बताई थी असंतोषजनक
2008 में भारत-दक्षिण अफ्रीका के बीच टेस्ट मैच के दौरान भी इसी तरह के हालात बने थे। उस समय भी ग्रीनपार्क में तीन दिन के अंदर मैच खत्म हो गया था और पिच को असंतोषजनक बताया गया था।
क्या होता है डीमेरिट अंक?
ICC के नियमानुसार असंतोषजनक रेटिंग पर एक डीमेरिट अंक जोड़ा जाता है जबकि अनफिट रेटिंग पर तीन डीमेरिट अंक मिलते हैं। अगर किसी मैदान को पांच साल की अवधि में पांच या उससे अधिक डीमेरिट अंक मिलते हैं तो ऐसी स्थिति में उस मैदान को एक साल के लिए किसी भी अंतरराष्ट्रीय मैच की मेजबानी से प्रतिबंधित कर दिया जाता है। स्टेडियम में अगर सुधार नहीं होता है तो यह समय सीमा बढ़ाई भी जा सकती है। BCCI जब तक ग्रीनपार्क की ओके रिपोर्ट ICC को नहीं भेजेगा।यहां मैच मिलने की उम्मीद नहीं रहेगी।
वाटर ड्रेनेज सिस्टम लगाना अब आवश्यक
आउट फील्ड पर उठे सवाल व अंसतोषजनक बताए जाने का कारण मैदान में ड्रेनेज सिस्टम का न होना है। भारत-बांग्लादेश टेस्ट मैच के दूसरे दिन अधिक बारिश के कारण मैदान पूरी तरह सूख नहीं पाया था। इस कारण तीसरे दिन का भी मैच ठप रहा था। अगर ड्रेनेज सिस्टम होता तो ऐसा नहीं होता।
यह भी पड़े: Ghaziabad News: HIV और AIDS के बढ़ते मामले, गाजियाबाद में एलर्ट..जानें Health Update
एक साल के अंदर दूर होंगी कमियां
UPCA की मीडिया कमेटी के चेयरमेन डॉ. संजय कपूर ने बताया कि ग्रीनपार्क में मिली कमियों को एक साल के अंदर दूर किया जाएगा। इस पर काम शुरू है। अत्याधुनिक ड्रेनेज सिस्टम लगाने के लिए कई कंपनियों से बात हुई है। गैलरी की नई डिजाइन भी इंजीनियर तैयार कर रहे हैं। ग्रीनपार्क प्रदेश सरकार के अंडर में है, इसलिए रिपोर्ट जल्द प्रशासन को सौंपी जाएगी।
यह भी पड़े: Agra News: आगरा में पकड़ा गया नकली दवाओं और नशे के इंजेक्शनों का एक बड़ा नेटवर्क..जानें कैसे