दवा के उपयोग पर कर सकेंगे आसानी से शोध
बता दें कि, बी-फार्मा को मिली मान्यता के बाद अब शोधकर्ता दवा पर शोध करने के साथ ही उसके उपयोग पर भी आसानी से शोध कर सकेंगे। तीनों कोर्स के HOD डीन प्रो ललित कुमार सिंह ने बताया कि नए कोर्स की मान्यता मिलने के बाद अब वे लोग बड़े मेडिकल कॉलेज के साथ MOU करने का प्रयास कर रहे हैं। इसके अलावा शोध केंद्र बनाए जाने पर भी योजना बनाई जा रही है।
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बायोलॉजी लेने वाले छात्र भी ले सकेंगे प्रवेश
विवि से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि मान्यता के बाद विवि परिसर में संचालित हो रही पढ़ाई में 60 सीटों पर अब बायलॉजी लेने वाले छात्र भी प्रवेश ले सकेंगे। इस कोर्स में अभी तक सिर्फ जेईई मेंस के तहत ही प्रवेश लिया जा सकता था। अब सीयूईटीयूजी से भी आसानी से प्रवेश लिए जा सकेंगे।
दवा बनाने और बेंचने का आसानी से मिलेगा लाइसेंस
विवि के अधिकारियों ने बताया कि विवि को मिली मान्यता के बाद अब यहां पर प्रवेश लेने वाले छात्रों को भविष्य में दवाइयां बनाने और उसे बेचने का लाइसेंस लेना भी आसान होगा। पहले लाइसेंस मिलने में होने वाली कठिनाई के चलते छात्र प्रवेश लेने हिचकते थे। अब उनकी पढ़ाई करने के बाद लाइसेंस संबंधी राह भी आसान हो गई है।
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