Kanpur News: कानपुर पुलिस ने एक अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पंजाब से दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। गिरोह ने 80 हजार रुपये का लालच देकर कानपुर निवासी शिवेंद्र सिंह को थाईलैड भेजा। जहां से बिना वैध दस्तावेजों के उसे म्यांमार (बर्मा) पहुंचा दिया गया। शिवेंद्र को वहां बंधक बनाकर रखा गया है।
जानें पूरा मामला
कल्याणपुर निवासी दीपेंद्र सिंह ने 15 नवंबर को थाने में अपने भाई शिवेंद्र के गायब होने की रिपोर्ट दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि शिवेंद्र जो दिल्ली की एक शूज कंपनी में काम करता था फरीदकोट (पंजाब) निवासी संदीप कुमार शर्मा के संपर्क में आया। संदीप ने शिवेंद्र को बेहतर नौकरी और 60-80 हजार रुपये की सैलरी का लालच देकर थाईलैड भेजा।
कैसे पकड़े गए आरोपी?
इस मामले में संदीप कुमार शर्मा और उसके साथी करनदीप सिंह को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बयान दर्ज कर पहुंचे शुरु की है। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने अपना अपराध कबूल कर लिया है। जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
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शिवेंद्र की आप-बिती
पुलिस के मुताबिक, शिवेंद्र को थाईलैड पहुंचने के बाद सड़क मार्ग से अवैध रूप से म्यांमार सीमा में दाखिल कराया गया। वहां उसे बंधक बनाकर रखा गया है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि शिवेंद्र स्वेच्छा से गया था और उसे एक महीने का वेतन आरोपियों को देना था। लेकिन वहां नशे की हालत में हंगामा करने के कारण स्थानीय लोग अब उसे छोड़ने के बदले मुआवजे और एक अन्य व्यक्ति की मांग कर रहे हैं।
पुलिस का क्या कहना
DCP West राजेश कुमार सिंह ने बताया कि इस गिरोह का सरगना संदीप पहले इमिग्रेशन का काम करता था। उसने शिवेंद्र का फर्जी इंटरव्यू करवाकर उसे विदेश भेजा। जांच में यह भी सामने आया कि गिरोह ने कोविड के दौरान कई ऐसे अवैध काम किए हैं।
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आगे की कार्रवाई
पुलिस अब गिरोह के अन्य सदस्यों और नेटवर्क की जांच कर रही है। DCP ने कहा कि मामले में शामिल सभी आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। शिवेंद्र को सुरक्षित वापस लाने की कोशिश की जा रही है।