kanpur News: कानपुर development authority ने अवैध कब्जों के खिलाफ अपनी मुहिम में एक और बड़ी सफलता हासिल की है। सरकारी जमीन को फर्जी दस्तावेजों के सहारे हड़पने वाले 37 काश्तकारों के नाम राजस्व अभिलेखों से हटाकर केडीए ने लगभग 58 करोड़ रुपये मूल्य की जमीन अपने नाम दर्ज करा ली है। इस कार्रवाई ने न केवल सरकारी जमीन को अवैध कब्जों से मुक्त किया बल्कि केडीए के भूमि बैंक में एक बड़ी बढ़ोतरी भी की है।
बारासिरोही गांव में स्थित इस जमीन को हड़पने के लिए वर्षों से फर्जी इंद्राज कराए गए थे। जब आधार वर्ष के रिकॉर्ड से मिलान किया गया तो यह हकीकत सामने आई। KDA ने ऐसे सभी फर्जी मामलों को चिह्नित करने और अन्य क्षेत्रों में भी जांच का दायरा बढ़ाने की तैयारी कर ली है।
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जानें पूरा मामला
इसकी जानकारी होने पर इनके नाम खारिज कर के केडीए का नाम राजस्व अभिलेखों में इन्द्राज कराये जाने की कार्यवाही की गई है। केडीए उपाध्यक्ष मर्दन सिंह गबर्याल एवं सचिव अभय कुमार पाण्डेय ने बताया कि कल्यानपुर खुर्द और बारासिरोही की अराजियों पर केडीए का स्वामित्व दर्ज कराने की प्रक्रिया जारी हो गई है। डा० रवि प्रताप सिंह ने यह भी अवगत कराया कि प्राधिकरण स्वामित्व की अन्य आराजियों की भी नियमानुसार जांच करायी जा रही है, ताकि ऐसी फर्जी इण्ट्री को चिन्हांकित करते हुए केडीए के भूमि बैंक में बढ़ोतरी की जा सके।
सामने आई सच्चाई
केडीए के ओएसडी व उपजिलाधिकारी डॉ.रवि प्रताप सिंह ने बताया जब आधार वर्ष से बारासिरोही व कल्याणपुर खुर्द में जमीनों का मिलान कराया गया। खतौनी देखी गई तो हकीकत सामने आ गई। केडीए की जमीनों पर 37 काश्तकारों के नाम अंकित मिले हैं। अब केडीए की ओर से जिला प्रशासन को इन काश्तकारों की सूची सौंपी जाएगी। कई जमीनों के मामले ऐसे हैं। जिनमें लेखपाल की भूमिका भी संदिग्ध है। शहर के कई अन्य क्षेत्रों में भी केडीए के अफसर जमीनों की जांच करा रहे हैं।
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