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Tuesday, April 15, 2025
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गंगा की बाढ़ के रेड जोन में आए 1.5 लाख से ज्यादा मकान और प्लॉट, लगाए गए पिलर

Kanpur News: कानपुर से निकली गंगा की कटरी में जमीन खरीदकर घर बनाने वालों को बड़ा झटका लगने वाला है। कानपुर के किनारे बाढ़ क्षेत्र के सीमांकन में करीब 1.5 लाख प्लॉट बिल्डर्स ने बेच दिए हैं। इनमें करीब 25 हजार से ज्यादा लोगों ने बाढ़ के रेड जोन में घर भी बना लिए हैं। चूंकि, रेड जोन में कोई नया विकास कार्य या नया निर्माण नहीं किया जा सकता है। ऐसे में, वह लोग मुश्किल में फंसेंगे, जिन्होंने गंगा व्यू के नाम पर महंगे दामों पर प्लॉट खरीद लिए थे। बाढ़ क्षेत्र का सीमांकन 100 साल की बाढ़ के अंतिम बिंदु तक किया जा रहा है। ऐसे में, गंगा किनारे का बड़ा हिस्सा बाढ़ क्षेत्र की सरहद में शामिल होने वाला है।

पिलर वाली जगह पर सैकड़ों की संख्या में घर

बाढ़ अधिनियम 2016 में सरकार ने बाढ़ से होने वाले नुकसान को कम करने का प्रावधान किया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों की गतिविधियों को नियंत्रित किया गया है। इस क्रम में गंगा और उसकी सहायक नदियों पर बाढ़ क्षेत्र के सीमांकन का काम शुरू है। रानीघाट और सरजूपुरवा में सिंचाई विभाग ने चार पिलर भी लगवा दिए हैं। सरजू पुरवा में जिस स्थान पर पिलर लगे हैं, वहां सैकड़ों की संख्या में घर और प्लॉट हैं। कटरी शंकरपुर सराय, लोधवाखेड़ा, चैन का पुरवा, हिंगूपुर बांगर, बरहत बांगर, सिंघपुर कछार, मैनावती मार्ग, शिवदीन का पुरवा और प्रतापपुर हरि समेत दर्जनों इलाके बाढ़ की जद में पहले से हैं।

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तो क्या फूलबाग में भी लगेंगे बाढ़ क्षेत्र के खम्भे

फूलबाग से गंगा नदी तकरीबन 500 मीटर की दूरी पर बहती है। इतिहासकार विनोद टंडन की मानें तो एक बार बाढ़ का पानी फूलबाग तक चढ़ आया था। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि क्या फूलबाग में भी बाढ़ के सीमांकन का पिलर सिंचाई विभाग लगाएगा। फूलबाग रेड जोन में शामिल हुआ तो नये निर्माण पर रोक रहेगी। यदि येलो जोन में फूलबाग आया तो बाढ़ क्षेत्र में शासन की अनुमति से ही निर्माण किया जा सकेगा। गंगा नदी में बाढ़ के सीमांकन का कार्य पहले चरण में हरिद्वार से कानपुर तक किया गया। दूसरे चरण में कानपुर से बलिया तक बाढ़ का सीमांकन 100 साल में आई बाढ़ के आधार पर करने का काम शुरू हो चुका है।

एक्सईएन सिंचाई विभाग मनोज कुमार सिंह ने बताया कि एनआईएच रुड़की की रिपोर्ट के आधार पर बाढ़ क्षेत्र का सीमांकन कार्य किया जाएगा। रेड जोन में कोई नया निर्माण या विकास कार्य नहीं किया जा सकता है। येलो जोन के लिए शासन की अनुमति की जरूरत होगी।

न्यू कानपुर सिटी भी संकट में

कानपुर शहर के विस्तार को लेकर कानपुर विकास प्राधिकरण न्यू कानपुर सिटी बसा रहा है। बताते हैं कि केडीए के अफसर न्यू कानपुर सिटी की बसाहट बढ़ाने के लिए इसका दायरा बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं। सिंचाई विभाग के मैप के मुताबिक न्यू कानपुर सिटी 25 साल की बाढ़ सीमा के रेड जोन से घिरी है।

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