Kanpur News: ट्रकों और डंपरों की अराजकता से सागर हाईवे देखते-देखते मौत का हाईवे बनता जा रहा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीते 30 दिनों में 20 लोगों की मौत सिर्फ इसी हाईवे पर हो चुकी है। हर घटना के बाद प्रशासनिक दावे किए जाते हैं। जो कुछ दिनों में धड़ाम हो जाते हैं। सिर्फ सागर हाईवे ही नहीं शहर से निकलने वाले सभी हाईवे का यही हाल है। कहीं डंपर और ट्राला सड़क किनारे खड़े रहते हैं। तो कहीं गाड़ियां खराब होने के बाद चालक सड़क और फुटपाथ घेर कर गाड़ियां खड़ी कर निकल जाते हैं।
समय बचाने के लिए विपरीत दिषा में चलने से भी नहीं घबराते वाहन चालक
हाईवे पर खुले कट के चलते वाहन सवार सँग साइड चलते हैं। यदि हाईवे की बात करें तो कोयला नगर चौकी से सतबरी रोड, गुजैनी बाईपास, भौती बाईपास, सचेंडी थाने से रैपालपुर मोड़, सागर हाईवे पर बधा से मछरिया तक तिरुपति मंदिर से अहिरवा गांव के सामने के बीच तीन अंडरपास है। जहा से वाहन सवार रोग साइड होकर निकलते हैं। जिसके चलते हादसे हो जाते हैं।
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हाईवे पर होने वाले हादसों के ये हैं प्रमुख कारण
सागर हाईवे पर हादसों का कारण ब्लॉक स्पॉट हैं। सागर हाईवे पर मछरिया, गल्लामंडी, बिधनू थाने के पास, किसाननगर मोड़ के अलावा अन्य जगह ब्लॉक स्पॉट हैं। जहां कई हादसे हो चुके हैं जबकि भीती हाईवे पर भीती बाईपास ब्लैक स्पॉट है। यहीं पर बीते दिनों ट्रक के पीछे कार के घुस जाने से चार बीटेक छात्र-छात्राओं समेत पांच की मौत हुई थी। ब्लैक स्पॉट को लेकर टीम ने निरीक्षण कर सुझाव दिए थे।
नौ किमी तक बिखरे शव के टुकड़े, दहल गया दिल
11 दिसंबर को घाटमपुर पतारा में एक डंपर चालक ने बाइक सवार को टक्कर मार दी जिससे बाइक सवार डंपर में ही फंस गया। डंपर चालन ने दुर्घटना के बाद रूकने की जगह 80 की रफ्तार से बाइक सवार को घाटमपुर पतारा से वीरपुर तक नौ किमी दूरी तकघसीटा। लोगों की माने तो आसपास मौजूद लोगों ने शोर मचाया। चालक ने उनकी तरफ देखा लेकिन डंपर नहीं रोका। मृतक की पीठ, पेट, आते हाथ रास्ते में ही बिखर गए। कई स्थानों पर उसके शरीर के अंग बिखरे मिले। हादसा देखने वालों के कलेजे दहल उठे।
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तीन हजार पीसीयू का होना चाहिए लोड लेकिन है 12 हजार से अधिक लोड
खूनी हाईवे कहे जाने वाले सागर राजमार्ग पर मानक से छह गुना तक लोड है। टू लेन हाईवे पर तीन हजार पीसीयू तक का लोड होना चाहिए और 12 हजार से अधिक लोड वाले हाईवे पर सिक्स लेन बनाए जाते हैं लेकिन कानपुर हाईवे पर 18 हजार वाहन प्रतिदिन लोड है जिससे मानक से छह गुना लोड होने से हादसे अधिक होते है रमईपुर, विधन, पतारा, जहांगीराबाद, घाटमपुर, सजेती व हमीरपुर के कई स्थानों पर हाईवे सकरा है।
हाईवे किनारे खड़े रहते हैं वाहन
हाईवे पर वाहन सड़क किनारे खड़े रहते हैं। नौबस्ता से सागर हाईवे पर मछरिया बाजार से नौबस्ता बंबा तक कई जगह ट्राला हाइवे किनारे खड़े रहते हैं। दिन की वजह से कई वाहन तो रुक कर निकल जाते थे जबकि रात और भोर में सड़क किनारे खड़े इन्हीं वाहनों की वजह से हादसे हो जाते हैं।
हाईवे पर हुए यह प्रमुख हादसे, गई जानें
■ कानपुर सागर हाईवे के मौदहा कोतवाली मईया गांव पर टैंकर और ट्राला के बीच टक्कर हुई. तीन लोगों की मौत हो गई थी।
■ जहांगीराबाद के पास बस और ट्राला की भिड़ंत एक की मौत कई सवारियां घायल हो गई थीं।
■ नौबस्ता बंबा से मछरिया के पास मौरंग लदे डंपर की टक्कर से बाइक सवार की मौत, कई सवारियां घायल हो गईं।
■ भौती हाईवे पर सड़क किनारे खड़े ट्रक के पीछे घुसने से चार बीटेक छात्र-छात्राओं समेत पांच लोगों की मौत हुई थी।
■ चकेरी फ्लाईओवर पर कार सड़क किनारे खड़े एक कंटेनर कंटेनर में घुसने से दो की मौत हो गई थी. जबकि तीन रोग पायल हुए थे।