Kanpur News:कानपुर देहात की जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने कानपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही कानपुर पुलिस कमिश्नर को इसे तामील कराने और KDA VC को कोर्ट में हाजिर कराने का आदेश दिया है। आपको बता दें कि साकेत नगर की एक जमीन पर कब्जा नहीं दिलाने पर कोर्ट ने सख्ती से यह आदेश दिया है। बार-बार आदेश के बाद भी केडीए जमीन पर कब्जा नहीं दिला रहा है।
औपचारिता कर लौटा
जवाहर विद्या समिति के अधिवक्ता आशीष शुक्ला ने बताया कि निराला नगर पराग दूध डेयरी के सामने प्राइम लोकेशन जूही कला में जवाहर विद्या समिति को 19 जनवरी 1984 को 5138.67 वर्गमीटर का एक भूखंड आवंटित किया गया था। प्लॉट पर कब्जा न मिलने पर जवाहर विद्या समिति जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग चला गया था। कोर्ट इस जमीन पर कब्जा दिलाने का पूर्व में भी दो बार आदेश कर चुका है लेकिन केडीए प्रवर्तन विभाग के अफसर सत शुक्ला दो बार दस्तावेज लेकर मौके पर तो गए लेकिन औपचारिकता करके लौट आए।
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KDA VC को कोर्ट में हाजिर करने का आदेश
इसके बाद अब फिर से जवाहर विद्या समिति की ओर से आवंटित भूखंड को लेकर हुए विवाद में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में दाखिल परिवाद संख्या 1222/2002 पर सख्ती से आदेश दिया है। आयोग ने KDA VC के खिलाफ बुधवार को गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है। इसके साथ ही पुलिस कमिश्नर को वारंट तामील कराने के साथ ही केडीए वीसी को कोर्ट में हाजिर करने का आदेश दिया है।
कुछ महीने पूर्व जब KDA प्रवर्तन का दस्ता जमीन खाली कराने पहुंचा था तो एक संगठन ने इसका विरोध किया और सड़क पर उतरा था। कुछ महीने पूर्व जब केडीए प्रवर्तन का दस्ता जमीन खाली कराने पहुंचा था तो एक संगठन ने इसका विरोध किया और सड़क पर उतरा था।
कानपुर देहात स्थानांतरित किया गया मामला
कानपुर नगर आयोग में सदस्य संख्या पूरी न होने पर मामले को कानपुर देहात स्थानांतरित कर दिया गया। इसके बाद से यहां सुनवाई चल रही थी। जिसके बाद सुनवाई करते हुए अध्यक्ष ने पुराने आदेश को ही मानते हुए KDA VC के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी कर पुलिस आयुक्त कानपुर नगर को आदेश दिया कि स्वरूपनगर पुलिस के जरिए वारंट तामील पर केडीए वीसी को आयोग के समक्ष हाजिर करें। अधिवक्ता आशीष शुक्ला ने बताया कि अब सुनवाई 16 दिसंबर को होगी।
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39 साल से लगातार चल रहा मामला
जूही कलां में जवाहर विद्या समिति को 19 जनवरी 1984 को 5138.67 वर्ग मीटर का एक भूखंड आवंटित किया गया था। प्लाट पर कब्जा न मिलने पर जिला उपभोक्ता फोरम में की गई अपील पर 19 साल बाद आदेश दिया गया कि एक माह के भीतर रजिस्ट्री कराकर समिति को भूखंड का कब्जा दिया जाए। केडीए ने रजिस्ट्री तो कर दी लेकिन अभी तक कब्जा नहीं दिला पा रहा है। जमीन पर क्षेत्रीय रसूखदार लोगों ने पार्क बनाकर कब्जा कर लिया है। केडीए की टीम जब भी खाली कराने जाती है तो सैकड़ों लोग सड़क पर आ जाते हैं। इस वजह से जमीन खाली नहीं हो पा रही है।
KDA की याचिका हो चुकी है खारिज
समिति के अधिवक्ता आशीष शुक्ला ने बताया कि इसके बाद केडीए ने वर्ष 2020 में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की लेकिन यह भी खारिज हो गई। इसके बाद तत्कालीन केडीए उपाध्यक्ष आरके सिंह ने 11 जनवरी 2021 को समिति को एक पत्र भेजकर तत्काल रजिस्ट्री कराने को कहा था। केडीए ने समिति के प्रबंधक सुधीर प्रकाश शुक्ला के नाम रजिस्ट्री कर दी। एक माह में कब्जा लेने के लिए पत्र भी दे दिया गया लेकिन जमीन परKDA अभी तक कब्जा नहीं दिला सका है।
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