Kanpur News: बंधक बनाकर मजदूरी कराये जाने की सूचना पर एक चट्टे पर छापेमारी कर कानपुर पुलिस ने सात बंधकों को मुक्त कराया है। महाराजपुर थाना प्रभारी ने बताया कि मूलरूप से छत्तीसगढ़ निवासी 40 वर्षीय नील कमल कई सालों से मौसेरे भाई लखनऊ के जानकीपुरम निवासी मोहन साहू के साथ रहकर काम करता था। नील कमल मानसिक रूप से अस्वस्थ भी है, तो चलिए जानते हैं क्या है पूरा मामला।
परिजनों ने कप्तान सिंह पर दर्ज कराया मामला
बता दें कि, 21 नवंबर को वह लखनऊ से लापता हुआ था। काफी खोजबीन के बाद भी परिजनों को नील कमल के बारे में पता नहीं चल रहा था। कुछ दिनों पहले नील कमल ने मौसेरे भाई से फोन कर बात की और महाराजपुर के भैरमपुर निवासी कप्तान सिंह के चट्टे में जबरन काम करवाने की बात कही। परिजनों ने कप्तान सिंह पर बंधक बना काम कराने समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज करा दी। जिसके बाद पुलिस ने चट्टे पर दबिश दी। वहां नील कमल के साथ अन्य छह लोगों को भी बंधन मुक्त कराया। छुड़ाये गए लोगों ने अपने नाम सीतापुर के लहरपुर निवासी शान मोहम्मद, घाटमपुर के छतरपुर निवासी सियाराम, राधेश्याम, बस्ती के मिशरौलिया निवासी इजहार, वाराणसी निवासी सरबन और इटावा के कृष्णा नगर निवासी मुकेश बताए।
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खाने में मिलता था मवेशियों का चारा
मामले को लेकर थाना प्रभारी ने बताया कि बंधनमुक्त कराए गए लोगों ने बताया है कि चट्टा संचालक कप्तान सिंह जबरन सभी को बंधक बनाकर मजदूरी करवाता था। विरोध करने पर पीटता था। इतना ही नहीं, वह उन्हें मवेशियों का चारा खिला क्रूरता करता था। पुलिस को देख कप्तान व उसके साथी फरार हो गए। कप्तान की पत्नी क्षेत्र पंचायत सदस्य है। बंधनमुक्त कराए गए लोगों से पूछताछ कर उनके परिजनों से संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है।
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