spot_img
Friday, March 14, 2025
-विज्ञापन-

More From Author

कानपुर में दिन का पारा 17.2 रहा, टूटा 12 साल का रिकॉर्ड, सर्द हवाओं से ठिठुरे लोग

Kanpur News: दिसंबर की शुरुआत से ही कानपुर के लोगों में इस बात की खूब चर्चा रही कि सर्दी नहीं पड़ रही है। लेकिन 2024 ने जाते-जाते कानपुर वालों को सीधा शीतलहर का अहसास करवा दिया। सोमवार को दिनभर बदली के साथ कोहरा छाया रहा और मंगलवार कि सुबह भी कोहरे के साथ हुई। तूफानी बर्फीली हवाओं से लोग ठिठुर गए। इसका जनजीवन पर भी असर पड़ा। शाम होते-होते लोग घरों में दुबक गए। मौसम विभाग के मुताबिक मंगलवार को भी शीतलहर रहने का अनुमान लगाया गया जो बिलकुल सही रहा। पश्चिमी विक्षोभ के साथ बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में उठे चक्रवातों के घालमेल से पूरे प्रदेश में मौसम उलट-पलट हो गया। दिसंबर माह में रात-दिन का तापमान चढ़ गया और समय से अच्छी सर्दी की शुरुआत नहीं हो सकी। जैसे ही पश्चिमी विक्षोभ गुजरा वैसे ही तेज सर्द हवाएं चलने लगीं। इससे जाड़ा शुरू हो गया। कानपुर में दिन का पारा 17.2 रहा। इसने 12 साल का रिकॉर्ड तोड़ा। यहां 4.6 डिग्री की कमी आई।

सर्दी से गला हो रहा चोक, फूल रही सांस

सर्दी बढ़ते ही बीमारियों ने भी तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। सर्दी-खांसी, जुकाम के अलावा वायरल के मरीजों की भरमार लगी है। हैलट, उर्सला की ओपीडी में हर तीसरा मरीज मौसमजनित रोगों का इलाज कराने पहुंचा। ब्रेन स्ट्रोक, सांस फूलने के भी मामलों में तेजी आई है।हैलट के डॉ. जेएस कुशवाहा ने बताया कि सर्दी-खांसी, जुकाम संग गला चोक व वायरल का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। ब्रेन स्ट्रोक के मरीज रोजाना 15 से 18 मरीज आ रहे है। निमोनिया, सांस फूलने के लक्षण वालों की भी कमी नहीं है। उर्सला के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. शैलेंद्र तिवारी के अनुसार, दो से तीन दिन के दौरान मौसमजनित रोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है। सर्दी से बचाव करने संग सुबह के वक्त नहीं टहलें। बीपी व शुगर की दवा में लापरवाही बरतने से ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों में तेजी आई है। वहीं, स्किन विभाग में लाल चकत्ते, खुजली, दाने का इलाज कराने वालों की भीड़ है।

WTC 2023-25: साउथ अफ्रीका की धमाकेदार फाइनल एंट्री, भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच होगी निर्णायक जंग!

कोहरा होने के कारण दिन में लोग कांप उठे। सुबह से ही अलाव जल गए। रास्तों में सन्नाटा भी पसर गया। कानपुर में सुबह कोहरा की दृश्यता मात्र 600 मीटर रही। दिन में भी यह मात्र 800 मीटर रही। जब हवा की रफ्तार दिन में 25 से 30 किमी प्रति घंटे हो गई तो राहगीरों को चलने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। प्रदेश के ज्यादातर जनपदों में कोहरा रहा।

2 जनवरी से 6 जनवरी के बीच नया पश्चिमी विक्षोभ

मौसम विशेषज्ञ डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि पहाड़ों पर लगातार दो पश्चिमी विक्षोभ तैयार हैं। बंगाल की खाड़ी अभी भी शांत नहीं है। एक नया पश्चिमी विक्षोभ 2 जनवरी से 6 जनवरी के बीच पश्चिमी हिमालय और उससे सटे उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों को प्रभावित कर सकता है। इससे लग रहा है कि ताजा सर्दी का दौर तीन से चार दिन चल सकता है। पश्चिमी विक्षोभ गुजर जाने के बाद कम से कम 6-10 दिन तेज हवाएं चलने में लगते हैं। इन दिनों पूर्वी हवाओं के दबाव के कारण यह हवाएं नहीं चल पा रही थीं। जैसे ही पूर्वी हवाओं का दबाव कम हुआ वैसे ही पहाड़ों से बर्फीली हवाएं चलने लगीं। लगातार 48 घंटों तक चलीं इन हवाओं से शीतलहर आ गई।

कड़ाके की ठंड में कपड़े उतारकर संगम में कूदे मोहम्मद कैफ, सोशल मीडिया पर छाया हंगामा

Latest Posts

-विज्ञापन-

Latest Posts