Kanpur News: कानपुर के GSVM मेडिकल कॉलेज में सुरक्षा को लेकर बड़ी खामियां उजागर हुई हैं। झांसी मेडिकल कॉलेज हादसे के बाद प्रदेश के स्वास्थ्य संस्थान सतर्क हो गए हैं लेकिन GSVM जैसे बड़े संस्थान में हालात चिंताजनक है। फायर सुरक्षा के लिए हैलट अस्पताल में 600 सिलेंडर तो है लेकिन मेडिकल कॉलेज परिसर में एक भी फायर सिलेंडर नहीं है। जच्चा-बच्चा विभाग में फायर अलार्म तक सही से काम नहीं कर रहे। ऐसे में आपात स्थिति में जान बचाना बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
प्रस्तावित 15 करोड़ की योजना से 1000 फायर सिलेंडर लगाने और स्काई वॉक बनाने की तैयारी हो रही है जो सुरक्षा में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
छह महीने पहले 1000 सिलेंडर की करी गई थी मांग
बताते चले कि करीब 2 साल पहले हैलट के बाल रोग विभाग के एनआईसीयू में एसी का बॉयलर फट गया था। जिससे कि आग लग गई थी। इस घटना में किसी भी प्रकार की जानमाल का खतरा किसी को नहीं हुआ था। इसके बाद से वहां पर फायर एग्जिट बनाया गया था। मेडिकल कॉलेज के प्रिसिंपल डॉ. संजय काला ने स्थिति को देखते हुए अभी 6 माह पूर्व में शासन से 1 हजार सिलेंडर की मांग की थी। उन्होंने बताया कि ये प्रस्ताव लगभग 15 करोड़ की लागत का है। इसके आने से हैलट अस्पताल और सुरक्षित हो जाएगा और यहां के साथ-साथ मेडिकल कॉलेज परिसर भी सुरक्षित हो जाएगा।
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आपात स्थिति से निपटने के लिए स्काई वॉक होना जरूरी
यदि जच्चा-बच्चा विभाग में कोई भी हताहत होती है तो ऐसे स्काई वाक लोगों के लिए संजीवनी साबित होगी। डॉ. काला ने कहा कि आपात स्थिति से निपटने के लिए शासन को कुछ माह पूर्व ही स्काई वाक बनाने का प्रस्ताव भेजा था। इस प्रस्ताव पर अभी मंथन चल रहा है। उम्मीद है कि नए साल में इसे हरी झंडी शासन से मिल जाएगी। ये प्रस्ताव लगभग 85 लाख का है। इसके बनने से यदि कभी आग लगती है या कोई आपात स्थिति आती है तो तुरंत मरीजों को एक बिल्डिंग से दूसरी बिल्डिंग में भेजने में समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
जच्चा-बच्चा विभाग के फायर अलार्म खराब
जच्चा-बच्चा विभाग के फायर अलार्म फिलाहल खराब पड़े हैं। इस पर डॉ. संजय काला ने बताया कि उस विभाग का निर्माण कार्य अभी चल रहा है। सभी ओपीडी और वार्ड का सुंदरीकरण किया जा रहा है। इसलिए तार कटे पड़े हैं। हम लोगों का प्रयास है कि जल्द ही सभी प्रकार की कमियों को दूर कर लिया जाए।
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अब लॉक बुक भी रखी जाएगी
डॉ. काला ने बताया कि झांसी मेडिकल कॉलेज में हुई घटना के बाद यहां पर भी फैसला किया गया है कि सभी वार्ड में एक लॉक बुक रखी जाएगी। हर हफ्ते इलेक्ट्रीशियन की टीम वार्ड का निरीक्षण करेंगी और सभी बोर्ड व स्विच को देखेगी। यदि किसी में कोई शॉर्ट हो रहा होगा तो उसे तत्काल प्रभाव से देखा जा सकेंगा। इसकी प्रक्रिया सोमवार से शुरू करा दी जाएगी।