Kanpur News: यूपी के कानपुर में ड्रग विभाग की छापेमारी में बीते 10 माह में कई ब्रांडेड दवाओं की जो प्रयोगशाला जांच रिपार्ट आई है वह चौंकाने वाली है। दवाओं में खड़िया और मिट्टी की मात्रा मिली है। जांच रिपोर्ट से पता चला है कि शहर में बड़े पैमाने पर गैस, बुखार, यूरिन और एंटीबायोटिक दवाएं नकली बिक रही हैं, उनमें नकली दवाओं का प्रतिशत ज्यादा है। जनवरी से अक्टूबर माह तक छापेमारी में लिए नमूनों की जांच रिपोर्ट में 18 नकली, 23 अधोमानक और दो मिस ब्रांड की दवाएं मिली हैं।
मिट्टी और खड़िया से सेहत के लिए नुकसान
नकली व मिलावटी दवाओं का कारोबार अधिक डिस्काउंट के नाम पर फल-फूल रहा है। बीते 10 माह में लिए गए नमूनों की जांच रिपोर्ट देखें तो 18 दवाएं नकली, 23 अधोमानक और दो मिस ब्रांड की पाई गईं। ड्रग इंस्पेक्टर रेखा सचान ने बताया कि ब्रांडेड कंपनियों की दवाएं भी नकली मिल रही हैं। जांच में दवाओं में खड़िया व मिट्टी की मात्रा पाई गई है। ऐसी दवाओं के सेवन से मरीज की हालत बिगड़ती है, जब लाभ न होने पर डॉक्टर दवाओं का डोज बढ़ा देता है तो मिट्टी और खड़िया की मात्रा भी शरीर में ज्यादा जाती है। इससे सेहत को और नुकसान होता है। उन्होंने बताया कि मरीज को भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि दवा लाभ न पहुंचाए तो डॉक्टर की सलाह पर दूसरी कंपनी की दवा लेकर देखें।
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छापेमारी के दौरान 10 माह में ये ब्रांड नकली
ड्रग इंस्पेक्टर के अनुसार 10 माह में कई ब्रांडेड कंपनियों की दवाएं नकली मिली हैं। जिसमें टोरेंट फार्मा, मैकलिआड्स फार्मा, कैडिला, एल्केम, लूपिन, अरिस्टो, सिप्ला लिमिटेड, सन फार्मा, ग्लेनमार्क, एबट, डॉ. रेड्डीज समेत अन्य कंपनियों की दवाएं हैं। ड्रग इंस्पेक्टर के अनुसार टीम ने बिरहाना रोड स्थित मेडी लाइफ एजेंसी और निगम ड्रग्स मेडिकल स्टोर पर छापा मारा गया था। यहां 18 दवाओं के सैंपल लिए थे। जिसे जांच के लिए लैब भेजा था। जिसमें सात दवाओं की रिपोर्ट फेल रही। तीन दवाएं नकली मिलीं हैं। वहीं नजीराबाद के कौशलपुरी में पुलकित गुप्ता के न्यू गगन केमिस्ट में छापा मारा गया था। नकली दवा बेचने पर दुकान को सील किया गया। यहां भी 18 सैंपल लिए गए थे। करीब पांच लाख की दवाएं सील की गईं। दवाओं के सैंपल राजकीय जन औषधि प्रयोगशाला लखनऊ भेजा गया। जहां नौ दवाएं नकली और दो सब स्टैंडर्ड पाई गईं।
सरकारी अस्पताल में लगाए जा रहे इंजेक्शन का नमूना भी फेल
उर्सला में कम असर वाले एमोक्सिसिलिन और पोटेशियम क्लैवुलनेट इंजेक्शन संक्रमित मरीजों को लगाए गए। ये एंटीबायोटिक बैक्टीरिया के कारण होने वाले संक्रमणों से लड़ता है। उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाइज कॉरपोरेशन लिमिटेड ने इंजेक्शन की आपूर्ति की थी। अप्रैल माह में ड्रग विभाग ने इंजेक्शन का नमूना उर्सला पहुंचकर लिया था जो जांच में फेल रहा। पैन्टोसिड, जीरोडॉल एसपी, ओमेज डी, पैन डी कैप्सूल, पैन डी, गुड सेफ-200, एक्यूमेन्टीन 625, क्लेवम 625, यूरीमैक्स डी, काइमोरल फोर्ट टैबलेट, मोंटैयर एफएक्स टैबलेट, एसिलॉक आरडी, पैनटोप डीएसआर कैप्सूल, कैमपोड 200 टैबलेट, डेफकार्ट 6 टैबेलेट नकली मिलीं।
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जांच में यह दवाएं मिलीं अधोमानक
बता दें कि, टेलमा एच, अप्राइज डी थ्री, काइमोरल फोर्ट टैबलेट, जीरोडॉल एसपी, मॉन्टेयर एलसी टैबलेट, एमोक्सिसिलिन पोटेशियम क्लैवुलैनेट इंजेक्शन, असैमार्क प्लस टैबलेट, सेमोक्स एल कैप्सूल, सोम्प्रैज डी 40, अपराइज डी-3 60000 कैप्सूल, मिट्रेट एक्सएल 50 टैबलेट, टेम्सनिर 0.4 टैबलेट, लीडो सीवी 625 टैबलेट, फॉरक्लेव 625 टैबलेट, एल हिस्ट मॉन्ट टैबलेट, रैमनिल 2.5, पैनटिन अधोमानक मिलीं।
नकली दवा पर किए गए लाइसेंस निरस्त
न्यू गगन केमिस्ट आरके नगर में ब्रांडेड कंपनियों की दवाएं नकली मिलीं थीं। इस पर औषधि विभाग ने मेडिकल स्टोर का लाइसेंस निरस्त कर दिया। ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि फरवरी माह में न्यू गगन केमिस्ट पर छापेमारी में कई कंपनियों की दवाएं नकली मिली थीं। जिस पर सहायक आयुक्त औषधि कानपुर मंडल के आदेश पर लाइसेंस निरस्त की कार्रवाई की गई है। ड्रग इंस्पेक्टर रेखा सचान ने बताया कि नकली व अघोमानक मिलीं दवाओं के मामले में विवेचना चल रही है, जो अंतिम पड़ाव पर है। दवाओं में मिट्टी व खड़िया की मात्रा मिली थी। जल्द ही सीएमएम कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
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