Kanpur: खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने नामी सब्जी मसाला बनाने वाली 14 कंपनियों के विरुद्ध न्यायालय में मुकदमा दायर करने की तैयारी शुरू कर दी है। इन कंपनियों के कारखाने से बीते दिनों लिए गए मसालों के नमूनों में कीटनाशक पाया गया था। सहायक खाद्य आयुक्त द्वितीय ने मसाला कंपनियों के विरुद्ध न्यायालय में मुकदमा दर्ज करने के लिए आयुक्त खाद्य सुरक्षा से अनुमति मांगी है।
अशोक मसाला समूह की मंधना व दादानगर स्थित फैक्ट्री से धनिया, गरम मसाला व मटर-पनीर मसाला का नमूना लिया गया था। इसी तरह अलग-अलग कंपनियों के मसालों के नमूने लिए गए थे। प्रयोगशाला में जब इन नमूनों की जांच हुई तो पाया गया कि इनमें कीटनाशक की मिलावट है,जो मानव स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है।
इन कम्पनियो के मसालों की बिक्री पर लगा दी गई थी रोक….
Kanpur के सहायक खाद्य आयुक्त संजय प्रताप सिंह ने बताया कि ब्रांडेड कंपनियों के मसाले गोरखपुर, जौनपुर, झांसी, वाराणसी, फतेहपुर, बहराइच समेत अन्य शहरों में बेचे जा रहे थे। बिक्री पर तत्काल रोक लगा दी गई थी। रिपोर्ट दर्ज कराने की अनुमति मुख्यालय से मांगी गई है।
मई 2024 में FSDA ने की गई थी छापेमारी….
दरअसल, इस साल मई में Kanpur स्थित मसालों की 13 कंपनियों पर FSDA के अफसरों ने छापा मारा था। इनके अलग-अलग मसालों के 35 उत्पाद के नमूने जाँच के लिए भेजे थे। इनमें से 23 की रिपोर्ट सामने आई है। इन मसालों में पेस्टीसाइड और कीटनाशक की मात्रा काफी अधिक मिली है। इसमें कीड़े भी मिले हैं। इसके बाद FSDA ने इन प्रोडक्ट्स की बिक्री पर रोक लगा दी है।
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FSDA के अफसरों ने कानपुर के दादानगर की शुभम गोल्डी मसाला कंपनी से सैंपल इकट्ठा किए थे। उनमें सांभर मसाला, चाट मसाला और गरम मसाला खाने योग्य नहीं है। इसमें कीटनाशक की मात्रा खतरनाक स्तर तक पाया गया है। दरअसल, शुभम गोल्डी कंपनी गोल्डी ब्रांड नाम से मसाला प्रोडक्ट बनाती है। इसी तरह नामी अशोक मसालों की दो कंपनियों के उत्पादों में भी खामियाँ पाई गई हैं। इनके धनिया पाउडर, गरम मसाला और मटर पनीर मसाला खाने योग्य नहीं है। ये स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हैं। वहीं, भोला मसाले के प्रोडक्ट की बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है। इसके बिरयानी मसाला, सब्जी मसाला और मीट मसाला सेफ नहीं है।
कीटनाशक वाले मसालों से हृदय, लिवर और किडनी पर पड़ सकता बुरा प्रभाव…..
कानपुर व आसपास जिलों में लोकल लेवल पर बिकने वाली 14 अन्य कंपनियों के प्रोडक्ट में भी हानिकारक पदार्थ पाए गए हैं। इन कंपनियों के हल्दी पाउडर में भी पेस्टिसाइट्स मिला है। एक अन्य नामचीन मसाले में प्रोपरगाइट मिला है। इसका इस्तेमाल कीड़ों, खासकर मकड़ी से फसलों की रक्षा के लिए किया जाता है। 16 सैंपल में खतरनाक कीटनाशक और 7 में माइक्रो बैक्टीरिया मिले हैं।
कीटनाशक वाले मसालों के कारण हृदय, लिवर और किडनी पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। MDH और एवरेस्ट मसालों के नमूने फेल होने के बाद शासन के निर्देश पर सैंपल लिए गए थे। खाद्य एवं औषधि विभाग ने मई में अभियान चलाकर शहर की 16 मसाला फैक्ट्रियों पर रेड की थी। MDH और एवरेस्ट के मसालों पर सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग में प्रतिबंध लगा दिए थे।