Kanpur News: क्या आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अगर किसी मां-बाप के नाबालिग बेटे ने फांसी लगाकर जान दे दी हो तो उस पर क्या गुजर रही होगी। इतना ही नहीं इसके बाद उस नाबालिग बेटे का शव अगर छह घंटे तक उनकी आंखों के सामने फांसी के फंदे से लटका रहा हो और पुलिस अपनी कार्यवाही का हवाला देकर शव नीचे न उतार रही हो तो उस मां-बाप का क्या हाल हो रहा होगा। इतना जानने के बाद आप के मन में यह बात जरूर आई होगी कि कोई ऐसा कैसे कर सकता है, लेकिन उत्तर प्रदेश के कानपुर में ऐसा ही एक मामला हुआ है।
कानपुर के पनकी इलाके में एक बिस्कुट फैक्टरी में काम करने वाले नाबालिग ने घर में ही फांसी का फंदा लगाकर जान दे दी। परिजनों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन फोरेंसिक टीम के इंतजार में शव छह घंटे तक फंदे पर लटकता रहा। नाराज परिजनों ने हंगामा किया तो पुलिस ने अपनी कार्रवाई होने के बाद ही शव को नीचे उतारने की बात कही। बेचारे बेबस मां-बाप करते भी क्या और पुलिस कार्यवाही पूरी होने का इंतजार करते रहे। फिलहाल नाबालिग के खुदकुशी (Kanpur Suicide) करने की वजह भी परिजन नहीं बता सके हैं।
रात भर नौकरी करने के बाद सुबह लौटा था घर
पनकी के सुंदरनगर निवासी सरवन सब्जी की फेरी लगाते हैं। परिवार में पत्नी शारदा, बेटा सागर (14) व बेटी संध्या है। शारदा गैस प्लांट जबकि सागर एक बिस्कुट फैक्टरी में काम करता था। सागर रोज की तरह रात ड्यूटी करने के बाद शुक्रवार की सुबह आठ बजे फैक्टरी से घर लौटा। इसके बाद शारदा नौकरी और बेटी स्कूल चली गई। सरवन खुद घर का रसोई गैस सिलिंडर भरवाने के लिए गैस एजेंसी चले गए।
इसी दौरान खुद को अकेला पाकर सागर ने दुपट्टे से फंदा लगाकर जान दे दी। सरवन घर लौटे तो सिलिंडर ऊपर चढ़ाने के लिए सागर को बुलाया। कोई आवाज न आने पर जब वह ऊपर जाकर कमरे में देखा तो पंखे के कुंडे से सागर का शव लटका हुआ था। सरवन की सूचना देने पर पहुंची पनकी पुलिस करीब 11 बजे मौके पर पहुंच गई। हालांकि फोरेंसिक टीम को बुलाने के बाद उनके इंतेजार में शव को फंदे से नहीं उतारा गया।
परिजनों ने किसी पर आरोप नहीं लगाया
इंतजार करते परिजनों का सब्र खत्म हुआ, तो हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस ने समझाने का प्रयास किया और शाम करीब पांच बजे फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची और जांच की। इसके बाद शव को फंदे से उतारा गया। थाना प्रभारी मानवेंद्र सिंह ने बताया कि परिजनों ने किसी पर आरोप नहीं लगाया है और न ही खुदकुशी की वजह ही बता सके है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
शहर में कई घटनाएं हुई थी। सुबह पांच बजे से टीम के साथ हम घटनास्थलों की जांच और साक्ष्य जुटाने का काम कर रहे थे। इसी के चलते टीम देरी से पनकी पहुंच सकी।
-प्रवीन श्रीवास्तव, फोरेंसिक टीम प्रभारी
कई बार देखा गया है कि ऐसी घटनाएं होने के बाद में परिजन आरोप लगाते हैं। इसलिए नाबालिग की मौत की खबर मिलने पर फोरेंसिक टीम को जांच के लिए बुलाया गया। टीम के आने तक घटनास्थल को डिस्टर्ब नहीं किया गया, न ही शव को फंदे से पुलिस ने उतारा।
-तेज बहादुर सिंह, एसीपी पनकी, कानपुर कमिशनरेट