Kanpur News : मैंने आलू, चावल खाने के बाद सिर्फ एक फल खाया था, वह कड़वा था इसीलिए दूसरा नहीं खाया। खाने के बाद चक्कर आने लगा और उल्टी हो गई, हमने खाना खाने के बाद जमीन पर पड़े दो फल खा लिए थे। ऐसा लग रहा था कि बादाम हैं। खाने के बाद उल्टी होने लगी, सब लोग खा रहे थे। उन्हें देखकर मैंने भी एक फल खा लिया। यह काले रंग का बेर जैसा था, लेकिन कड़वा था तो थूक दिया। फिर तबीयत बिगड़ गई।
यह बयान उन बच्चों में से कुछ लोगाों ने दिए हैं जो सोमवार को मिड-डे मिल का खाना खाने के बाद बीमार हो गए थे और उनको गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आपको बता दें कि कानपुर के सरसौल शंकरानंद जूनियर हाईस्कूल में मिड-डे मील का खाना खाने के बाद 15 स्कूली बच्चे बीमार पड़ गए। इनमें से पांच बच्चे कांशीराम और आठ बच्चे हैलट के बालरोग में भर्ती हैं।
बादाम के धोखे जटरोफा खाने की बात आई सामने
कानपुर में सरसौल विकास खंड के सहायता प्राप्त विद्यालय शंकरानंद जूनियर हाईस्कूल के 15 बच्चे मिड-डे मील के बाद जटरोफा खाने से बीमार होने की बात सामने आ रही है। इसको खाने के बाद बच्चों को उल्टी-दस्त शुरू होने से स्कूल में हड़कंप मच गया। शिक्षकों के हाथ-पैर फूलने लगे। सभी को इलाज के लिए कांषीराम और हैलट में भर्ती कराया गया। बच्चों ने बताया कि उन्हें काला फल पड़ा दिखा जिसे बादाम समझकर खा लिया।
CDO ने गठित की 3 सदस्यीय जांच कमेटी
बीएसए सुरजीत कुमार सिंह का कहना है कि शंकरानंद जूनियर हाई स्कूल के 127 बच्चों ने मिड-डे मील खाया। इसके बाद कुछ बच्चे पानी पीने के लिए पास में लगे हैंडपंप पर गए। वहीं उन्हें जटरोफा पड़ा दिखा। उसे कुछ बच्चों ने खा लिया। इसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई। ये बच्चे मदारीखेड़ा के रहने वाले हैं। इस मामले में सीडीओ सुधीर कुमार ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी है।
इन बच्चों की बिगड़ी थी हालत
कांशीराम अस्पताल भेजे गए आमिर खान (7) पुत्र सफी मोहम्मद, शमी मोहम्मद (8) पुत्र सिकंदर, अंसार (8) पुत्र ताज मोहम्मद, अफजाल (11) पुत्र रहमत, सलमान (8) पुत्र शब्बीर का इलाज शुरू किया गया।
वहीं उल्टी-दस्त के कारण डिडाइड्रेशन बढ़ने से मो. शारिक (8) पुत्र नौशाद, गुलफ्सा (5) पुत्री शमी मोहम्मद, सना (4) पुत्री शमी मोहम्मद, अफजाल (14) पुत्र मो. शमीम, मो. हसनैन (14) पुत्र अशरफ, फरजाना (10) पुत्री ख्वाजिया, हसनैन (14) पुत्र अशरफ, नकीबुल औलिया (9) पुत्र अशरफ को हैलट के बालरोग अस्पताल भेज दिया गया।
डॉक्टर बोले- बच्चों की हालत अब ठीक है
बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. ए.के. आर्या की अगुवाई में डॉक्टरों की टीम बच्चों के इलाज में जुट गई। डॉक्टरों ने बताया कि दो बच्चों का बीपी कम हो रहा था, मॉनीटरिंग की जा रही है। सीएमओ डॉ. आलोक रंजन ने बताया कि डायरिया होने से बच्चों को दिक्कत थी, उन्हें हैलट भेज दिया गया। हैलट के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आर.के सिंह ने बताया कि इलाज हो रहा है, बच्चों की हालत ठीक है।
जटरोफा को रतनजोत भी कहते हैं। इसके बीजों में राइसिन की मात्रा अधिक होती है। इसके बीजों को खा लेने से फूड प्वाइजनिंग जैसी स्थिति हो जाती है। इसके प्रतिकूल प्रभाव से उल्टी-दस्त, पेट दर्द और गले में जलन हो सकती है। जटरोफा को डीजल का पौधा भी कहा जाता है। –डॉ. आलोक रंजन, सीएमओ, कानपुर नगर