Kanpur News : कानपुर के नौबस्ता धोबिन पुलिया के पास तेज रफ्तार ट्रक ने एक खराद कारीगर 50 वर्शीय रमाकांत पाल को कुचल दिया। पहिए के नीचे आने से रमाकांत की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे की जानकारी मिलते ही रमाकांत की पत्नी और 5 बेटियां बदहवास हो गईं। पत्नी और बेटियां बार-बार यही कहकर रोती रहीं कि अब किसके सहारे जिएंगी। हनुमंत विहार थाने की पुलिस ने मौके पर पहुंच कर शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया और परिजनों को सांत्वना दी। परिजनों ने मेट्रो निर्माण के चलते अव्यवस्था से हादसे में मौत का आरोप लगाया है। मामले में रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए थाने में तहरीर भी दी है।
सब्जी खरीदते समय तेज रफतार ट्रक ने रौंदा
दीनदयाल पुरम गल्ला मंडी में रहने वाले रमाकांत पाल पनकी के एक खराद कारखाने में नौकरी करते थे। रमाकांत के रिष्तेदार बीनू पाल ने बताया कि उनकी बाइक खराब होने के चलते एक सप्ताह से सवारी गाड़ियों से काम पर जाते थे। काम से लौटने के दौरान गल्ला मंडी धोबिन पुलिया के पास सब्जी ले रहे थे। इस दौरान उन्हें तेज रफ्तार ट्रक ने कुचल दिया और पहिया के नीचे आने से उनकी मौके पर ही मौत हो गई। हनुमंत विहार थाने की पुलिस की सूचना पर परिवार के लोग हैलट अस्पताल में पहुंचे और शव की शिनाख्त की।
पत्नी और बेटियां हो गईं बदहवास
पत्नी मिथिलेश शव देखते ही बदहवास हो गईं। पांचों बेटियां दीप्ति, मोहिनी, दीपिका, अंशिका और अभि पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। पत्नी और बेटियों को परिवार के लोगों ने किसी तरह संभाला। बेटियां बार-बार यही कहते हुए रो रही थी कि हम अनाथ हो गए३। अब किसके सहारे जिएंगे। वहीं दूसरी तरफ पत्नी मिथिलेश विलाप करते हुए बोलीं कि अब करवाचौथ का व्रत किसके लिए रखेंगे, मैं तो तुम्हारी लंबी उम्र के लिए करवाचौथ के व्रत की तैयारी कर रही थी, ये क्या हो गया। बेटियों की शादी और परवरिश कैसे होगी। परिवार और पुलिस के लोगों ने उन्हें ढाढस बंधाया।
मेट्रो निर्माण के चलते अक्सर लग जाता जाम
नौबस्ता हमीरपुर रोड पर मेट्रो निर्माण के चलते भारी अव्यवस्था है। इसके चलते हमीरपुर हाईवे पर भीषण जाम भी लगता है। परिवार के लोगों ने भी मेट्रो निर्माण में भारी अव्यवस्था के चलते मौत को बड़ी वजह बताया है। उनका कहना है कि मेट्रो निर्माण में लापरवाही के चलते ही उनके पति की जान गई है। मेट्रो की अव्यवस्था के चलते हमीरपुर रोड नौबस्ता में सबसे ज्यादा हादसे हो रहे हैं।
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किसके सहारे जिएंगी पांच बेटियां
हादसे में रमाकांत पाल की मौत के बाद परिवार और मोहल्ले के लोगों से बरबस एक ही बात निकल रही थी कि अब पांच बेटियां किसके सहारे जिएंगी। बेटियों की पढ़ाई लिखाई और शादी कौन कराएगा। भाई भी अलग रहते हैं, परिवार से भी कोई सहारा नहीं है। मोहल्ले के लोगों ने ढाढंस बंधाया। रमाकांत की मौत के बाद यह दर्द सिर्फ उनके परिवार तक ही नहीं मोहल्ले के लोग भी हादसे पर दुखी नजर आए। हर एक परिवार उनकी मदद का भरोसा दिलाता नजर आया।