Kanpur Crime : कानपुर में एक बड़े पान मसाला कारोबारी को रंगदारी की धमकी मिलने का मामला सामने आया है। कारोबारी ने रुपये देने से मना किया तो उसे धमकी दी गई कि उसका यह कदम ठीक नहीं होगा। इस धमकी के बाद कारोबारी ने गंभीरता से लेते हुए कोहना थाने में एफआईआर दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने तीन संदिग्ध मोबाइल नंबरों को सर्विलांस पर लगाकर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
रुपये मांगने पर कारोबारी ने किया इंकार
पार्वती बागला रोड निवासी दीपक खेमका, जो शुद्ध प्लस पान मसाला प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के मालिक हैं, गुरुवार सुबह 9:25 बजे घर से अपनी फैक्ट्री जा रहे थे। इस दौरान उनके मोबाइल पर एक फोन आया, जिसमें कॉल करने वाले ने कहा कि अगर कारोबारी को व्यापार में सफलता और सुरक्षा चाहिए, तो उसे एक दिए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क करना होगा। हालांकि, दीपक ने उस नंबर पर कॉल नहीं किया। इसके बाद, दो से तीन बार फिर से कॉल की गई, लेकिन दीपक ने रुपये देने से साफ इंकार कर दिया।
धमकी मिलने के बाद कारोबारी ने दर्ज कराई FIR
रुपये देने से मना करने पर, सुबह करीब 11:30 बजे तीसरे नंबर से फिर कॉल आई, जिसमें कारोबारी को धमकी दी गई कि उसने रुपये देने से मना कर अच्छा नहीं किया। इस धमकी के बाद दीपक खेमका ने कोहना थाने में मामला दर्ज कराया। पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह धमकी देने वाला व्यक्ति दीपक खेमका का पुराना कर्मचारी है, जिसे कुछ समय पहले नौकरी से निकाल दिया गया था।
सर्विलांस पर मिले तीन संदिग्ध नंबर
पुलिस ने आरोपी के तीन नंबरों को सर्विलांस पर लगा दिया है और उनकी कॉल डिटेल रिपोर्ट (सीडीआर) निकाली जा रही है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आरोपी ने कितनी रकम की रंगदारी मांगी थी। पुलिस की जांच में यह भी जानकारी सामने आई है कि फोन गोरखपुर से किया गया था, जहां दीपक की एक और फैक्ट्री है।
यह भी पढ़ें : नोएडा पुलिस को मिली बड़ी सफलता, शातिर बदमाशों से मुठभेड़ में एक घायल, बरामद…
पुलिस की सक्रियता
कानपुर पुलिस ने इस मामले में जांच के लिए कई टीमें गठित कर दी हैं। डीसीपी सेंट्रल, दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि पुलिस को कुछ अहम सुराग मिले हैं और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस घटना के बाद कानपुर में रंगदारी और जबरन वसूली के मामलों में पुलिस की सक्रियता और जांच तेज हो गई है, ताकि ऐसे मामलों में आरोपियों को जल्द सजा मिल सके।