Kanpur News : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर ने 2010 के दीक्षांत समारोह में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया था। यह समारोह 3 जुलाई 2010 को आयोजित किया गया था, और उस समय मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे। यह पहला अवसर था जब किसी प्रधानमंत्री ने आईआईटी कानपुर के दीक्षांत समारोह में भाग लिया था। इस मौके पर संस्थान ने उन्हें विज्ञान में डॉक्टरेट की उपाधि दी।
डॉ. मनमोहन सिंह आईआईटी कानपुर से मानद डॉक्टरेट उपाधि प्राप्त करने वाले पांचवे व्यक्ति थे। इससे पहले, संस्थान ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम और पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई जैसी प्रमुख हस्तियों को भी यह सम्मान दिया था। मनमोहन सिंह के भाषण को लेकर छात्रों में खासा उत्साह था, क्योंकि वे प्रधानमंत्री के विजन और नीतियों को समझने के लिए बेहद उत्सुक थे।
प्रधानमंत्री का उद्घाटन और सौर ऊर्जा परियोजना
इस दीक्षांत समारोह में मनमोहन सिंह ने सौर ऊर्जा अनुसंधान प्रायोगिक स्टेशन परियोजना और गंगा बेसिन के लिए परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया था। इस परियोजना के तहत, आईआईटी कानपुर द्वारा स्थापित सौर संयंत्र से नानकारी, नारामऊ और बैकुंठपुर जैसे पड़ोसी गांवों में 850 किलोवाट बिजली उत्पादन की उम्मीद जताई गई थी। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर आर्थिक योजनाओं और राष्ट्र के विकास में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के महत्व पर भी विस्तार से जानकारी दी थी।
आईआईटी के रिटायर कर्मचारी रवि शुक्ला का बयान
आईआईटी कानपुर के रिटायर कर्मचारी रवि शुक्ला ने बताया कि मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए वह संस्थान आए थे और दीक्षांत समारोह में शिरकत की थी। यह एक ऐतिहासिक अवसर था और उनके भाषण और उद्घाटन ने छात्रों और शिक्षकों पर गहरा प्रभाव डाला था।
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इस प्रकार, आईआईटी कानपुर के दीक्षांत समारोह ने सिर्फ एक शैक्षिक सफलता का जश्न नहीं मनाया, बल्कि एक राष्ट्रीय नेता को मानद उपाधि देकर भारतीय शिक्षा प्रणाली में उनके योगदान को भी सराहा।