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Friday, November 22, 2024
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Kanpur : मोहम्मद इकबाल का परिवार बना भाईचारे की मिसाल

Kanpur : कानपुर का मुस्लिम परिवार, मोहम्मद इकबाल और उनका परिवार, दशहरे के त्योहार पर पिछले 87 वर्षों से रावण के पुतले का निर्माण कर रहा है। उनकी कुशल कारीगरी हर साल लोगों का ध्यान आकर्षित करती है। इस बार वे 80 फीट के विशाल रावण का पुतला तैयार करने में व्यस्त हैं।

हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक

​इकबाल परिवार सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक बन चुका है।​ उनका पुतला हर साल छावनी(Kanpur) के रामलीला में जलाया जाता है, जो हिंदू-मुस्लिम एकता का एक मजबूत उदाहरण प्रस्तुत करता है। चार पीढ़ियों से इस परिवार का यह कार्य एकता और भाईचारे को बढ़ावा देने का माध्यम बना हुआ है।

80 फीट का सबसे ऊंचा पुतला

मोहम्मद इकबाल बताते हैं कि उनके परिवार में पुतले बनाने की कला रहमतउल्लाह से मिली। उनके दादा और पिता ने भी इस परंपरा को आगे बढ़ाया है। इस बार के पुतले में विशेष आकर्षक कला का उपयोग किया गया है, जिससे यह अन्य पुतलों की तुलना में अलग दिखाई देगा। इकबाल ने दावा किया है कि इस साल का रावण सबसे ऊंचा होने के साथ-साथ अद्वितीय भी होगा, जिसमें आग निकलने वाले मुंह और आंखें शामिल हैं।

बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश

इस वर्ष, इकबाल ने रावण के साथ-साथ मेघनाद, कुंभकरण और लंका के पुतले भी बनाए हैं। इन पुतलों को तैयार करने में उन्हें चार महीनों से अधिक का समय लगा है। बारिश को ध्यान में रखते हुए, वे वाटर प्रूफ कागज का उपयोग कर रहे हैं। जब उनका पुतला दशहरे के दिन जलता है, तो बच्चे और बड़े सभी खुश होते हैं। यह एक सकारात्मक संदेश देता है कि बुराई पर अच्छाई की विजय हुई है।

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इस प्रकार, मोहम्मद इकबाल का परिवार केवल एक पुतला निर्माण नहीं कर रहा, बल्कि वे एकता और सौहार्द का एक महत्वपूर्ण संदेश भी फैला रहे हैं।

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