कल्याणपुर एसीपी ने बताया कि हैलट ब्लड बैंक का फर्जी लेबल चिपकाकर खून की आपूर्ति करने का मामला गंभीर है। पुलिस की टीम ने डॉक्टर के सहायक से पूछताछ शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि खून सप्लाई करने वाले व्यक्ति की गिरफ्तारी के बाद ही इस काले कारोबार का पर्दाफाश हो सकेगा।
ऑपरेशन के बाद बिगड़ी वृद्ध महिला की हालत
महापालिका कॉलोनी, शास्त्री नगर निवासी श्रेष्ठ मिश्रा ने बताया कि उनकी दादी उर्मिला देवी को कूल्हे के ऑपरेशन के लिए न्यू लखनपुर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टर नमन कनोडिया ने 15 जनवरी को ऑपरेशन किया, लेकिन इसके बाद वृद्धा की हालत बिगड़ने लगी।
यह भी पढ़ें : रामास्वामी का DOGE से इस्तीफा… ट्रंप और मस्क पर टुटा पहाड़
डॉक्टर ने तीन यूनिट ब्लड की आवश्यकता बताई और अपने सहायक सूरज से खून की व्यवस्था करने को कहा। सूरज ने किसी अज्ञात व्यक्ति से खून मंगवाया, जिसे हैलट ब्लड बैंक का बताया गया।
ब्लड चढ़ते हुई मौत
परिजनों के अनुसार, ब्लड चढ़ाने के तुरंत बाद उर्मिला देवी की तबीयत और बिगड़ गई। डॉक्टरों ने उन्हें हैलट अस्पताल रेफर कर दिया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। ब्लड पाउच पर लगे लेबल की जांच के लिए परिजन हैलट पहुंचे, जहां पता चला कि वह खून हैलट ब्लड बैंक का नहीं था।
हैलट ब्लड बैंक प्रभारी लुबना खान ने बताया कि ब्लड बैंक से जारी खून के पैकेट पर बारकोड होता है, लेकिन इस पैकेट में बारकोड नहीं था। उन्होंने यह भी दावा किया कि रसीद में सीरियल नंबर 3000 लिखा था, जबकि बैंक में फिलहाल सीरियल नंबर 1000 तक ही जारी किए गए हैं। यह स्पष्ट है कि यह रसीद फर्जी है।
जांच में जुटी पुलिस
पुलिस ने सर्जन, उसके सहायक और खून सप्लाई करने वाले अज्ञात व्यक्ति पर केस दर्ज कर लिया है। मामले की गहराई से जांच की जा रही है। पुलिस को उम्मीद है कि आरोपी की गिरफ्तारी के बाद खून बेचने के इस अवैध कारोबार का पूरा सच सामने आएगा।