Kanpur News : मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के दूसरे बजट ने कानपुर समेत देशभर के लेदर उद्योग के लिए खुशियों की सौगात दी है। बजट में क्रस्ट लेदर के निर्यात और वेट ब्लू लेदर के आयात शुल्क को पूरी तरह हटाने की घोषणा की गई है। इस फैसले से कानपुर के लेदर कारोबार में 40 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की संभावना है। लेदर कारोबारियों द्वारा लंबे समय से क्रस्ट लेदर पर भारी निर्यात शुल्क और वेट ब्लू लेदर पर आयात शुल्क हटाने की मांग की जा रही थी। बजट में इस मांग को स्वीकार कर सरकार ने उद्योग जगत को बड़ी राहत दी है।
निर्यात-आयात शुल्क से टूट रही थी कमर
क्रस्ट लेदर पर अब तक 40 फीसदी निर्यात शुल्क लगाया जा रहा था, जिससे यह कारोबार महंगा साबित हो रहा था। वहीं, वेट ब्लू लेदर के आयात पर 15 फीसदी शुल्क वसूला जाता था। अब इन दोनों शुल्कों को खत्म कर दिया गया है, जिससे कारोबारियों की लागत घटेगी और व्यापार बढ़ेगा।
फोकस उत्पाद योजना से नई संभावनाएं
चमड़ा और फुटवियर क्षेत्र की उत्पादकता और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए सरकार ने “फोकस उत्पाद योजना” की घोषणा की है। इस योजना के तहत गैर-चमड़ा उत्पादों की गुणवत्ता सुधारने के लिए डिजाइन क्षमता, घटक निर्माण और मशीनरी का समर्थन किया जाएगा।
विशेषज्ञों की राय
सीएलई के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मुख्तारुल अमीन ने कहा कि भारी भरकम शुल्क हटाने से लेदर कारोबार को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। वैश्विक निर्यात को बढ़ावा देने के लिए उत्पाद के दाम कम रखना जरूरी होता है। फियो के सहायक निदेशक आलोक श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार के इस कदम से निर्यात में बढ़ोतरी के साथ रोजगार के अवसर भी तेजी से बढ़ेंगे।
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शुल्क हटने के पांच बड़े फायदे:
- लेदर कारोबार को मिलेगा प्रोत्साहन
- उत्पादों की गुणवत्ता में होगा सुधार
- रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ेंगे
- कम लागत में उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद मिलेंगे
- वैश्विक बाजार में व्यापार बढ़ाने में सरलता
इस फैसले से कानपुर समेत पूरे देश में लेदर कारोबारियों में उत्साह का माहौल है। उम्मीद है कि सरकार की यह पहल भारतीय लेदर उद्योग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगी।