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कानपुर की पंखुड़ी शुक्ला ने पिता का सपना किया पूरा, PCS-J में 32वीं रैंक की हासिल

पंखुड़ी शुक्ला

Kanpur News: हरियाणा के PCS-J का रिजल्ट घोषित होने के बाद कानपुर में रहने वाले एक शुक्ला परिवार में दीवाली से पहले ही खुशियां चौगुनी हो गई जिसमे शुक्ला परिवार की 26 साल की बेटी पंखुड़ी शुक्ला ने PCS-J में 32वीं रैंक हासिल की है। जिसके बाद से परिवार में जश्न का माहौल है, सुबह से ही ढोल नगाड़ों और बधाई देने वालों का परिवार के बीच भीड़ लगी हुई है, तो चलिए जानते हैं इससे जुड़ी पूरी जानकारी।

पंखुड़ी शुक्ला ने 32वीं रैंक की हासिल

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बता दें कि, पंखुड़ी शुक्ला बेनाझाबर के निवासी हैं उनके पिता गोपाल कृष्ण शुक्ला व बड़ा भाई पवित्र शुक्ला CA हैं, जबकि मां मनीषा शुक्ला हाउस मेकर है। मंगलवार रात हरियाणा PCS-J का परीक्षा परिणाम घोषित हुआ तो पंखुड़ी को सफलता मिलने की जानकारी हुई। जरनल कैटेगरी में शामिल 88 परीक्षार्थियों में 32 वीं रैंक हासिल करने वाली पंखुड़ी ने बताया कि उन्होंने सर पदमपत सिंघानिया स्कूल से इंटर तक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद वर्ष 2018 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीकॉम ऑनर्स किया और दिल्ली लॉ कैंपस सेंटर से वर्ष 2021 में लॉ पूरा किया। कानुपर वापस लौट कर वह रामा यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर बनी, साथ ही PCS-J की पढ़ाई भी शुरू की और जज के मुकाम को हासिल किया। सुबह घर के बाहर ढोल बजने लगे, माता पिता के साथ पंखुड़ी ने भी डांस कर खुशी का इजहार किया।

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पंखुड़ी शुक्ला के पिता ने क्या कहा?

गोपाल कृष्ण शुक्ला ने बताया कि उनकी इच्छा थी कि बेटी उनकी तरह की CA बने क्योंकि यह उनकी समझी हुई फील्ड थी, जिसमें बेटी को कोई दिक्कत न हो, इसलिए वह बेटी को बीकॉम की पढ़ाई करा रहे थे। पंखुड़ी ने बताया कि बीकॉम ऑनर्स के दौरान लॉ के सब्जेक्टस में उन्हें रूचि आने लगी और एकाउंटस में कम। जिसके बाद डीयू में लॉ के इंट्रेस की तैयारी शुरू की। जिसके बाद से उन्होंने जज बनने का फैसला लिया। बेटी की खुशी से लबरेज पिता ने कहा कि ऊपर वाले ने सबसे खूबसूरत तोहफा दिया, बेटियों को खूब पढ़ाएं और आगे बढ़ाएं।

पंखुड़ी डेली 8 घंटे करती थी पढ़ाई

पंखुड़ी ने बताया कि परीक्षा के दौरान वह रोजाना 8 घंटे की पढ़ाई करती थी। आराम करने के लिए माता, पिता व भाई के साथ समय व्यतीत करती थीं। खाना खाने के दौरान कुछ समय मूवी देखती थीं। साथ ही जिम, डांस कर मूड फ्रेश करती थीं। इस दौरान उन्होंने अपना सामाजिक दायरा कम कर लिया था। शादी, समारोह, दोस्तों संग पार्टी से दूरी बना ली। यहां तक कि परिजनों को छोड़ कर किसी को भी अपने लक्ष्य के बारे में नहीं बताया। पंखुड़ी ने यूथ को सलाह दी कि सपने बड़े है तो कुछ समय का त्याग करना पड़ेगा। कठिन परिश्रम करें, लक्ष्य हासिल करने तक भटकें नहीं।

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पीड़ित को न्याय देना पहला लक्ष्य

पुखुड़ी का कहना है कि कुर्सी पर बैठने के बाद पहली प्राथमिकता होगी कि अपनी जॉब के तहत जस्टिस डिलीवरी सिस्टम में जितना भी बदलाव ला सकती हूं,वो बदलाव लाऊंगी। मुकदमें के ट्रायल के दौरान बार बार तारीखों के सवाल पर उन्होंने बताया कि जस्टिस डिलीवरी सिस्टम थोड़ा सा तेजी से हो, बार-बार तारीख न लगे। ध्यान रखूंगी कि अपने स्तर पर इसमें बदलाव ला सकूं और नियमों के तहत मुकदमों को तेजी से निपटाया जा सके, जिससे लोगों को जल्दी न्याय मिले और उन्हें भटकना न पड़े।

IAS अनीता भटनागर जैन से थी पंखुड़ी

पंखुड़ी की मां मनीषा ने बताया कि बेटी को डांस, गाना सुनने, स्वीमिंग का शौक है। वह कल्चरल प्रोग्राम में आरती डांस में हिस्सा लेती थी। जिस पर उसे कई बार शहर में केडीए वीसी रह चुकी आईएएस अनीता भटनागर जैन से पुरस्कार भी मिल चुका था। IAS की प्रतिष्ठा व रूतबा बेटी को आकर्षित करती थी। जिस पर बेटी ने एक बार उनसे कहा था कि मैंम मै आपके जैसा बनना चाहती हूं, आज बेटी ने वह मुकाम हासिल कर लिया।

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