- विज्ञापन -
Home Uttar Pradesh District Kasganj कासगंज: अलाव में डाली जा रहीं गीली लकडि़यां, ठंडे पड़े रहते हैं...

कासगंज: अलाव में डाली जा रहीं गीली लकडि़यां, ठंडे पड़े रहते हैं कस्बे के अधिकतर अलाव

सुमित विजयवर्गीय:

- विज्ञापन -

गंजडुंडवारा (कासगंज)- अचानक बढ़ी ठंड से आम जनमानस ही नहीं, पशु-पक्षी भी बेहाल हैं। वहीं लोगों को ठंड से राहत दिलाने के नाम कस्बे में राहगीरों को सर्दी से बचाने के लिए लगाये जाने वाले अलाव भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए है और प्रशासनिक मशीनरी भी पूरी तरह बेसुध पड़ी है। क्यों कि लकड़ी का वजन बढ़ाने को अलाव में गीली लकड़ी डाली जा रहीं हैं। जिसके चलते विभिन्न स्थानों पर नगर पालिका परिषद द्वारा जलवाए जा रहे अलावों की हालत यह है कि गरीबों व राहगीरों के लिए जलने वाले अलाव में आग तो दूर धुंआ तक नहीं उठ रहा है।

दिसंबर माह के दूसरे पखवारे से ठंड ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। जिसके बाद नगर पालिका के अधिकारियों को अलाव की याद आई। जिसके बाद प्यास लगने पर कुंआ खोदने वाली कहावत चरितार्थ करते हुए कड़ाके की ठंड में लकड़ी की तलाश शुरू हो गई। जिसके बाद नगर पालिका प्रशासन ने गुप्त तरीके से विज्ञप्ति जारी कर प्रक्रिया पूर्ण न कर मनमाने तरीके से अलाव की व्यवस्था शुरु कर दी। जानकारी करने पर अधिशासी अधिकारी द्वारा कस्बे मे 48 स्थानों पर अलाव जलाने की बात बताई गई। जिसमे हर जगह लगभग 10 किलो लकड़ी डाले जाना भी बताया गया।

ये भी पढ़े: गंजडुंडवारा: टीचर 11वीं की छात्रा को भेजता था अश्लील वीडियो, रखता था गंदी निगाह

लेकिन सोमवार रात्रि पड़ताल मे हकीकत यह निकली कि ज्यादातर वार्डो एवं मुख्य मार्गों पर अलाव नदारद थे। लोग कागज, टायर व कूड़े के ढेर में आग लगाकर ठंड से लड़ते नजर आए। कुछ जगह अलाव को लकड़ी पड़ी थी तो वह ठंडी पड़ी मिली। ठंड से परेशान लोगों से बात की गई तो उन्होने बताया पालिका कर्मचारी देर शाम आते है कुछ लकड़ी के गट्टे डाल फोटो खींच चले जाते है। जो कि बिल्कुल गीली होती है। अलाव की लकड़ी जलाने के काफी प्रयास किए, लेकिन सारी कोशिशें व्यर्थ रहीं। कारण यह है कि लकड़ी गीली थी। उसे देखने से लग रहा था कि तत्काल पेड़ काटा गया है।

कस्बे के बस अड्डा, राजाराम चौराहा, रेलवे स्टेशन रोड, सामुदायक स्वास्थ्य केन्द्र सहित कई जगह पर जलने वाले अलावों का जायजा लिया। सभी स्थानों पर नगर पालिका द्वारा डाली गई लकड़ियां गीली दिखी। जब अलाव में गीली लकड़ी डाले जाने के संबंध में एडीएम कासगंज आर के पटेल से बात की गई तो उन्होने बेतुका जबाव दिया कि हमे तो केवल फोटो से मतलब है। फोटो आ रहे है और फोन काट बचते नजर आए।

ये भी पढ़े: ग्रहों के अतिरिक्त अन्य गणनाओ पर भी दीजिये: गुलिक या मांदी का जन्म कुंडली के सभी 12 भाव में प्रभाव

- विज्ञापन -
Exit mobile version