Kashganj News: कासगंज (गंजडुण्डवारा) नगर पालिका मे भ्रष्ट्राचार है इसकी आवाज खुद मनोज कुमार,ललित वर्मा,आले इमरान,अब्दुल कादिर सहित 11 वार्डो के सभासदो ने उठाई है। जिसके बाद लगातार लगी शिकायतों की रगड से पालिका से भ्रष्ट्राचार रूपी जिन्न निकल आया। मुद्दा जोर शोर से उठा और कासगंज जिला प्रशासन व मण्डल प्रशासन के दरबार से उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य दरबार तक जा पहुंचा। फजीहत होते देख पालिका प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। जिला प्रशासन ने भी अपने ऊपर आंच आते देख भ्रष्टाचार की जांच को 4 सदस्यी कमेटी का गठन कर दिया।
शिकायतो पर निरीक्षण कर जुटाए गए सैंपल
बता दें कि, कमेटी मे एक उपजिलाधिकारी एवं जल, विधुत, PWD अधिशासी अभियंताओं को शामिल किया गया। 3 बार जांच कमेटी निर्माण कार्यों, प्रकाश, जल आपूर्ति सहित शिकायत के 14 बिन्दुओं पर भ्रष्ट्राचार की हकीकत जानने कस्बा पहुंची। संबंधित शिकायतो पर निरीक्षण कर सैंपल जुटाए गए। लेकिन शायद 4 माह के लम्बे समय बाद भी पालिकाध्यक्ष हाजी मुनब्बर हुसैन के रसूख के चलते कोई कार्रवाई दिखाई न दे सकी। फिर तो चर्चाओं का बाजार गरम हो गया। जांच की कछुआ गति को लेकर जिला एवं पालिका प्रशासन मे साठगांठ के आरोप लगने लगे। जिसका जिला प्रशासन जांच सुचारु होने का दावा कर खण्डन कर रहा है।
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सभासदो की नरमी तो नही कारण?
दरअसल, जांच की रफ्तार थम जाने को 14 अक्टूबर को अनशन से पूर्व ही हुई सभासदो एवं पालिकाध्यक्ष पुत्र से वार्ता मे हुई। सुलह को लेकर भी देखा जा रहा है। क्यों कि विगत दिनों पूर्व बोर्ड बैठक में इनके रुख बहुत ही नरम थे। जबकी शिकायकर्ता सभासद इस बात को नकार रहे है। सभासद रूबी बेगम का कहना है जांच से कोई समझौता नही हुआ है। बस वार्डों मे विकास कार्य तीव्र गति से कराए जाने की बात पर सहमति बनी थी। जिसको हकीकत मे उतराने हेतु पालिका प्रशासन को एक माह का समय दिया गया है।
जांच परिणाम को लेकर धुकधकी
शिकायतकर्ता सभासदो से सुलह के बाद भी पालिका प्रशासन,पालिकाध्यक्ष एवं सम्बंधित कार्य करने वाले ठेकादारो मे धुकधकी लगी हुई है।क्यों कि जिला प्रशासन लगातार जांच में किसी भी तरह की साठगांठ से इंकार कर निष्पक्ष कार्यवाही की बात कह रहा है।जिसको लेकर सभी जांच परिणाम को लेकर चिंतिंत है। वही पालिका मे भ्रष्टाचार की जांच मे शामिल उपजिलाधिकारी प्रदीप विमल का कहना है कि जांच के दौरान संकलित सैंपल लैब को भेजे गए है।जिनकी रिर्पोट अभी आई नही है। रिर्पोट आने के बाद निष्पक्ष रूप से सम्पूर्ण तथ्य उच्चअधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत कर दिए जाएंगे।
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