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लव मैरिज के बाद गांव में घुसने पर रोक, तुगलकी फरमान जारी, सामूहिक बहिष्कार

Bijnor

Bijnor News: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के मुकंदपुर राजमल गांव में प्रेम विवाह करने वाले युवक-युवती के खिलाफ गांववालों ने कड़ा कदम उठाते हुए उन्हें गांव में प्रवेश करने से रोक दिया है। अभिषेक और गांव की एक युवती ने जून 2024 में हरिद्वार में कोर्ट मैरिज कर ली थी, क्योंकि दोनों एक ही गांव से थे और अपनी शादी को गुप्त रखा था। जब गांववालों को इस विवाह की जानकारी मिली, तो गांव में हड़कंप मच गया।

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ग्राम प्रधान ने पंचायत बुलाकर दोनों के परिवारों का सामूहिक बहिष्कार करने और दंपति को गांव में न घुसने देने का फरमान जारी कर दिया। पंचायत में मौजूद ग्रामीणों ने इस फैसले को स्टांप पेपर पर लिखा और करीब 100 लोगों ने उस पर हस्ताक्षर कर दिए, जिसे व्हाट्सएप पर अभिषेक को भेजा गया।

इस अप्रत्याशित फैसले के बाद अभिषेक ने Bijnor एसपी अभिषेक झा से मुलाकात की और अपने परिवार की सुरक्षा की मांग की। उन्होंने शिकायत दर्ज कराते हुए ग्राम प्रधान और पंचायत में शामिल ग्रामीणों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की। एसपी ने मामले को गंभीरता से लिया और बढ़ापुर पुलिस को निर्देशित किया कि वे इस विवाद की गहराई से जांच करें।

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Bijnor पुलिस ने पंचायत में शामिल लोगों पर कानून व्यवस्था भंग करने से संबंधित निरोधात्मक कार्रवाई शुरू कर दी है। एसपी ने यह भी स्पष्ट किया कि दंपति बालिग हैं और अपनी मर्जी से शादी करने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्हें कहीं भी रहने का अधिकार है और अगर किसी ने उन्हें गांव में प्रवेश करने से रोका, तो उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

यह मामला समाज में पुरानी परंपराओं और रुढ़िवादी मानसिकता को दर्शाता है, जहां व्यक्तिगत स्वतंत्रता और कानूनी अधिकारों के बावजूद गांव के लोग अपनी धारणाओं और रीति-रिवाजों के आधार पर दूसरों के जीवन पर फैसले लेने की कोशिश करते हैं। पंचायत के तुगलकी फरमान ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है कि कब तक समाज में प्रेम विवाह या अंतरजातीय विवाह के खिलाफ इस तरह के कठोर निर्णय होते रहेंगे। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की दिशा में कदम उठा रही है, जिससे पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके।

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