Lucknow Crime: राजधानी लखनऊ के बीबीडी थाना क्षेत्र में एक चौंकाने वाली घटना में तीन नाबालिगों को एक 6 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म के आरोप में हिरासत में लिया गया है। यह घटना 27 जनवरी को हुई, जब पीड़िता अपने घर के बाहर खेल रही थी। आरोपियों ने बच्ची को खेलने के बहाने पास के एक स्कूल में ले जाकर वारदात को अंजाम दिया। पीड़िता की माता की शिकायत के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों को पकड़ लिया। आरोपियों को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया है। इस घटना ने राजधानी में बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं खड़ी कर दी हैं।
पीड़िता की माता ने बताया कि घटना के बाद से उनकी बेटी कई दिनों से सहमी हुई थी। मामले का खुलासा तब हुआ जब बच्ची ने इलाके में आरोपियों को देखकर अपनी मां को घटना के बारे में बताया। Lucknow पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, आरोपियों ने पीड़िता को किसी को भी घटना के बारे में बताने पर जान से मारने की धमकी दी थी।
बीबीडी थाना प्रभारी अजय नारायण सिंह ने पुष्टि की कि मां की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। “हमने इस संवेदनशील मामले में तत्काल कार्रवाई की है। आरोपियों की पहचान कर उन्हें तुरंत हिरासत में ले लिया गया,” सिंह ने कहा। उन्होंने यह भी बताया कि विस्तृत जांच जारी है और आरोपियों के नाबालिग होने को ध्यान में रखते हुए सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है।
इस घटना ने स्थानीय निवासियों में रोष पैदा कर दिया है, जिन्होंने आवासीय क्षेत्रों, विशेषकर स्कूलों और खेल के मैदानों के आसपास सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने की मांग की है। सामुदायिक नेताओं ने नियमित पुलिस गश्त और संवेदनशील क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग की है।
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बाल सुरक्षा विशेषज्ञों ने माता-पिता और समुदाय के सदस्यों में बढ़ी हुई सतर्कता और जागरूकता की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने आवासीय क्षेत्रों में कड़े सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू करने और बच्चों के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा पर नियमित जागरूकता सत्र आयोजित करने की सिफारिश की है।
Lucknow प्रशासन ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए स्कूलों और आसपास के क्षेत्रों का सुरक्षा ऑडिट करने की योजना की घोषणा की है। अधिकारी बच्चों के खेलने और एकत्रित होने वाले क्षेत्रों की निगरानी के लिए एक विशेष कार्य बल की स्थापना पर भी विचार कर रहे हैं।
मामला भारतीय दंड संहिता और पॉक्सो एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत दर्ज किया गया है। मामले की संवेदनशील प्रकृति और नाबालिगों की संलिप्तता को देखते हुए अधिकारी त्वरित न्याय सुनिश्चित करते हुए अत्यंत सावधानी से आगे बढ़ रहे हैं।
इस घटना के बाद स्थानीय गैर-सरकारी संगठन और बाल कल्याण संगठन स्कूलों और आवासीय क्षेत्रों में सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम चलाने के अपने प्रयासों को तेज कर रहे हैं। ये संगठन ऐसे मामलों के लिए अधिक प्रभावी निवारक उपाय और प्रतिक्रिया प्रोटोकॉल विकसित करने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।